'पधारो म्हारे शिल्पग्राम' प्रदर्शनी का मंगलवार को अंतिम दिन

 


जयपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। कला प्रेमियों के लिए गुलाबी नगर जयपुर के जवाहर कला केंद्र में लगा 'पधारो म्हारे शिल्पग्राम' मेला आपका इंतजार कर रहा है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से जेकेके में लगी हस्तशिल्प प्रदर्शनी का मंगलवार को अंतिम दिन है। 6 दिवसीय राष्ट्रीय प्रदर्शनी में देश के 19 विभिन्न राज्यों के करीब 150 से अधिक दस्तकार और हस्तशिल्पी अपनी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं जिन्हें शहरवासी खूब पसंद कर रहे हैं।

प्रदर्शनी में 80 से अधिक अलग-अलग स्टॉल हैं, जहां आपको एक से बढ़कर एक हस्तनिर्मित उत्पाद मिलेंगे। इनमें खादी एवं हर्बल उत्पादों से लेकर जोधपुरी बंधेज, हैंड ब्लॉक प्रिंट साड़ियां, हैंड मेड कारपेट, पाली एवं सीकर की मशहूर जूतियां, हस्तनिर्मित साज सज्जा का सामान, कशीदेकारी वाली साड़ियां एवं सूट, जूट का सामान आदि अलग अलग प्रोडक्ट आपको मिलेंगे। इसके अलावा जयपुर की प्रसिद्ध ब्लू पोटरी और चीनी मिट्टी का सामान भी आपको यहां किफायती दाम पर मिल जाएंगे।

अगर आप ब्रांडेड वस्तुओं के शौकीन हैं तो यहां जीआई टैग पवेलियन आपके लिए ही बनाया गया है। इस पवेलियन में 19 स्टॉल्स हैं जहां बगरू की हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग वाली साड़ियां एवं अन्य कपड़े, सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंटजयपुर की प्रसिद्ध ब्लू पोटरी, सोजत की खुशबूदार मेहंदी, जोधपुरी बंधेज, बीकानेरी उस्ता कला, कश्मीरी केसर, बीकानेरी कशीदाकारी, मोलेला क्ले लिए मिट्टी की पेटिंग, पंजाब की खूबसूरत फुलकारी कशीदाकारी वाली चुनरी एवं अन्य उत्पाद आपको जरूर पसंद आएंगे। अगर आप यूनिक चीजों के शौकीन हैं तो आपके लिए यहां तांबे पर की गयी कारीगरी वाले बर्तन, नाथद्वारा की कपड़े पर की गयी कारीगरी जैसे उत्पाद भी यहां उपलब्ध हैं। बुक लवर्स के लिए यहां बुक स्टॉल भी लगाई गई है जिसमें आप मोटिवेशनल, नोवल, बायोग्राफी आदि से संबंधित किताबें पसंद कर सकते हैं।

मेले में खाने पीने के लिए भी कुछ स्टॉल्स लगाई गयी हैं। बच्चों के लिए मिट्टी, चीनी मिट्टी के खिलौने, गोबर के सुंदर गणपति और पेंटिंग बुक्स यहां खासी पसंद की जा रही है। शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हर आने वाले के लिए कुछ खास है। यहां बीते 5 दिनों में अलग अलग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। पिछले दिनों में चरी नृत्य, भवई नृत्य, घूमर, तेराताली और कालबेलिया की अलग अलग प्रस्तुतियां हो चुकी है। प्रदर्शनी के अंतिम दिन गोरबंद की प्रस्तुति दी जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप