चौराहे पर संचालित हाेती हैं पहली से आठवीं तक की कक्षाएं , छह अध्यापक, 61 बच्चे चला रहे हैं एक कमरे से काम

 




डूंगरपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। एक ओर जहां राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बढावा देने के लिए नित नए प्रयोग कर नए आयाम स्थापित करना चाहती है, लेकिन आसपुर ब्लॉक में इसके उलट अलग ही नजारे देखने में आ रहा है। ब्लॉक शिक्षा आसपुर के इंदौडा पीईओ के अंतर्गत कलासुआ का कुंआ को प्राइमरी से मिडिल स्कूल में मार्च-2023 को क्रमोन्नत किया गया था, जिसमें वर्तमान में 61 बच्चे अध्ययनरत है। क्रमोन्नति के बाद विभाग ने आनन-फानन में छह शिक्षकाें का स्टाफ भी दे दिया, लेकिन कक्षा-कक्षों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। पूर्व में एक कमरे में प्राइमरी कक्षाएं संचालित हो रही थीं, उसी एक कमरे को मिडिल स्कूल में क्रमोन्नत कर सरकार ने वाहवाही लूट ली, लेकिन कभी चौराहे पर तो कभी पेडों की छांव में बिठाकर बच्चों को पढ़ाई करवाने को अध्यापक भी मजबूर है।

विद्यालय में अध्यापकों आैर बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त नहीं है। बच्चों को बरसात के मौसम में एक साथ बिठाकर पढ़ाई करवाई जाती है। बरसात रुकते ही चौराहे पर बिठा दिया जाता है। ऐसे में बच्चों व अध्यापकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक और ब्लॉक में कहीं-कहीं स्कूल में शिक्षकों का खासा अभाव है। बच्चों के अनुपात में अध्यापक नही है लेकिन कलासुआ का कुंआ में क्रमोन्नति के तत्काल बाद चार अध्यापक आैर दे दिए। वर्तमान में 61 बच्चों को पढ़ने के लिए छह का स्टाफ लगा हुआ है।

इस संबंध में कार्यवाहक संस्थाप्रधान राजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि मार्च 2023 में स्कूल क्रमोन्नत हुई थी। एक कमरे से काम चलाया जा रहा है।वहीं सीबीईओ आसपुर नवीन प्रकाश जैन ने बताया कि स्टाफ पर्याप्त है लेकिन एक कमरे से काम चला रहे है। हमने प्रस्ताव भेजे है। स्वीकृति आएगी तब ही कुछ हो पाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष / संदीप