खेल की दुनिया में अलग छाप छोड़ी चूरू ने, भाजपा का गढ़ रही सीट पर 25 साल से जीत रहे कस्वां पिता-पुत्र
चूरु, 17 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा क्षेत्र चूरू राजस्थान में चूरू और हनुमानगढ़ जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बना है। जिसमें 8 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें चूरू जिले की 6-सादुलपुर, तारानगर, सुजानगढ़, सरदारशहर, चूरू, रतनगढ़ और हनुमानगढ़ जिले की 2 सीट-नोहर और भादरा शामिल हैं।
चूरू कई पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। यह शहर थार रेगिस्तान के किनारे पर सुनहरी रेत के टीलों के बीच स्थित एक छोटा सा जिला है। चूरू शहर कई हवेलियां, भीति चित्रों और अद्वितीय वास्तुकला से युक्त है। यह शहर पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षक का केंद्र है।
खेल की दुनिया में चूरू ने अपनी अलग छाप छोड़ी है। चूरू के सादुलपुर से विधायक रह चुकीं कृष्णा पूनिया डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडलिस्ट रही है। पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया ने भी काफी प्रसिद्धि प्राप्त करते हुए चूरू जिले का नाम रौशन किया है। वहीं झाझड़िया इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा से प्रत्याशी है।
चूरू कृषि प्रधान क्षेत्र है और यहां के ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर है, थार मरुस्थल का द्वार कही जाने वाली चूरू लोकसभा सीट का क्षेत्रफल 13,858 किलोमीटर है। चूरु लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रहा है। 1977 से 2014 तक हुए 11 चुनावों में भाजपा ने 5 बार तो कांग्रेस ने केवल 3 बार यहां से जीत दर्ज की है। पिछले चार चुनाव यानी साल 1999 से यहां भाजपा ने लगातार जीत दर्ज की।
वर्ष 1999 से तीन बार राम सिंह कस्वां ने जीत दर्ज की थी, तो वहीं लगातार दो लोकसभा चुनावों में उनके बेटे राहुल कस्वां ने यहां से जीत दर्ज की। एक बार यहां से भारतीय लोक दल, एक बार जनता पार्टी एक बार जनता दल ने जीत दर्ज की।
चूरू लोकसभा सीट पर हमेशा से से ही जाटों का दबदबा रहा है, दल चाहे जो भी हो, हर बार जीत यहां जाट नेता की हुई है। यहां कुल वोटर्स की संख्या 21 लाख से अधिक है जिसमें 11 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स और 10 लाख से अधिक महिला वोटर्स हैं। वर्ष-2019 के जनादेश में बीजेपी के राहुल कस्वां को 7,92,999 वोट मिले (जीते) जबकि कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को 4,58,597 वोट मिले वहीं सीपीआई (एम) के बलवान पूनिया को 25,090 वोट मिले।
भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए राहुल कस्वां प्रत्याशी
तीन बार जीत चुके पिता रामसिंह कस्वां के बाद दो बार उनके पुत्र राहुल कस्वां भाजपा की टिकट पर जीते। लोकसभा चुनाव-2024 में राहुल कस्वां की टिकट काटकर भाजपा ने पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया वहीं राहुल कस्वां ने भी कांग्रेस ज्वॉइन करके टिकट भी ले आये। इस बार यानी कि 2024 में मतदाताओं में खासा उत्साह है और वे लोकतंत्र में वोटों की ताकत दिखाने को और ज़्यादा जागरुक और तैयार हैं।
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