आधी रात प्रसूता की ज़िंदगी बचाने दौड़े “टीम जीवनदाता” के रक्तवीर, रक्तदान कर बचाई जान
चित्तौड़गढ़, 12 सितंबर (हि.स.)। एक और जहां पूरा शहर नींद की आग़ोश में था वहीं टीम जीवनदाता के रक्तवीर ज़िंदगी बचाने में लगे हुए थे। टीम जीवनदाता संस्था को प्रसूता के सीरियस होकर तत्काल रक्त की जरूरत होने की सूचना मिली। इस पर टीम सक्रिय हुई और ऑन कॉल डोनर डॉनर बुला कर रक्तदान करवाया।
जिले में नयाफला गणेशपुरा निवासी प्रसूता कुशा मीणा को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर उसे राजकीय चिकित्सालय बड़ीसादड़ी में भर्ती करवाया यहां प्रसूता को रक्तस्राव होने से चिकित्सकों ने तुरंत 2 यूनिट रक्त की आवश्यकता बताई। रक्त के अभाव से प्रसूता की ज़िंदगी बचाना मुश्किल हो रहा था। चिकित्सकों की मांग के अनुसार उसके परिजन रात को 1 बजे ब्लड लेने ज़िला चिकित्सालय के ब्लड बैंक पहुंचे। लेकिन ब्लड बैंक में ए नेगेटिव ग्रुप का ब्लड उपलब्ध नहीं था। इससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। जिला चिकित्सालय में ही रिश्तेदारों ने ब्लड ग्रुप की जांच कराई लेकिन उनका भी ए नेगेटिव ग्रुप नहीं निकला। इसके परिजनों ने ब्लड बैंक में टीम जीवनदाता के लगे पोस्टर से टीम जीवनदाता के संस्थापक धीरज धाकड़ से फ़ोन पर संपर्क किया और मदद के लिए आग्रह किया। इस पर धीरज ने प्रसूति की स्थिति को तुरंत भांपते हुए देर रात डोनर की तलाश में सैंती निवासी पूर्व पार्षद गोविंद शर्मा और रामदेवजी का चन्देरिया निवासी विकास चौधरी से फ़ोन पर संपर्क किया। इस पर तुरंत दोनों रक्तवीर देर रात 1 बजे ब्लड बैंक पहुंचे, जहां गोविंद शर्मा ने अपनी पत्नी के जन्मदिन के अवसर पर 7वीं बार और रक्तवीर विकास चौधरी ने तीसरी बार रक्तदान कर प्रसूता को नया जीवनदान दिया। देर रात रक्तदान के प्रति टीम जीवनदाता के रक्तवीरों का जज्बा, उत्साह देख कर परिजनों की आंखे नम हो गई। इस सेवा क्षण से प्रेरित होकर प्रसूति कुशा मीणा के रिश्तेदार भैरूलाल मीणा और राकेश मीणा ने भी ख़ुशी-ख़ुशी स्वेच्छा से रक्तदान किया और आमजन से अनुरोध किया कि रक्तदान जैसे पुनीत कार्य के लिए सभी युवाओं को आगे आना चाहिए। इससे ब्लड बैंक में हर समय ज़रूरतमंदों के लिए रक्त उपलब्ध हो सके इस अवसर पर टीम जीवनदाता के मनीष दारा, ललित अहीर, भानु शर्मा ने देर रात रक्तदान में सहयोग किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल