राजस्थान में ज्यादा वेट के कारण पैट्रोल और डीजल महंगे : मुकेश दाधीच
जयपुर, 1 नवंबर (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने एआईसीसी के राजस्थान मीडिया प्रभारी अतुल लोंढे पाटिल के महंगाई वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राजस्थान आने से पहले अगर अतुल लोंढे यहां पर पेट्रोल और डीजल पर कांग्रेस सरकार की ओर से वसूले जा रहे वेट की जानकारी ले लेते तो उन्हें पता चल जाता कि राजस्थान में महंगाई बढने के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अतुल लोंढे पाटिल ने जब यह पता किया कि बिजली की दरें राज्य में नियामक आयोग तय करता है तो उन्हें यह भी पता करना चाहिए था कि नियामक आयोग के समक्ष बिजली की दर बढाने की याचिका राज्य सरकार की ओर से लगाई जाती है और उसके बाद सुनवाई कर नियामक आयोग दरें तय करता है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने अपने बयान में कहा कि अतुल लोंढे पाटिल यहां आकर विदेश से कोयला मंगवाए जाने पर आपत्ति तो दर्ज करवाते हैं लेकिन वे इस बात एक शब्द भी नहीं बोलते कि केन्द्र सरकार की ओर से छत्तीसगढ में आवंटित कोयला खदान से अब तक कोयले का खनन शुरू नहीं हो पाया है। छत्तीसगढ में भी कांग्रेस की सरकार है और राजस्थान के कोयले पर कांग्रेस सरकार ने ही रोक लगाई है। केन्द्र सरकार की ओर से विदेश से आयातित कोयले का उपयोग देश में उत्पादित कोयले में मिश्रण कर उपयोग में लेने के निर्देश दिए ताकि बिजली घरों के उपकरण लंबे समय तक काम कर सकें। संभवत: कांग्रेस के प्रवक्ता को पता नहीं कि केन्द्र सरकार ने विदेश से उच्च क्वालिटी का कोयला आयात करने के निर्देश दिए हैं। वहीं कांग्रेस नेता राजस्थान में किस बिजली उपभोक्ता के बिजली बिल शून्य आने की बात बता रहें हैं ये वे स्वयं भी नहीं जानते।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कहा कि राजस्थान में पहले से ही बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को रियायती बिजली दी जा रही थी। अब सरकार ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली का झांसा दिया जिसके बाद घरेलू उपभोक्ताओ के बिजली बिल बढकर आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ताओं को पता नहीं है कि केन्द्र सरकार की आयुष्मान योजना को ही राजस्थान में चिरंजीवी योजना के नाम से लागू किया गया है। वे राजस्थान में अपनी ही पार्टी के सरकार के मुखिया से पूछें कि आज तक किस मरीज का 25 लाख का इलाज मुफ्त किया गया है। अतुल लोंढे पाटिल का यह तर्क कितना हास्यास्पद है कि बारिश ज्यादा हुई तो प्याज का भंडारण नहीं हो सकता। उन्हें अपनी पार्टी और सरकार के नुमांइदो से पूछना चाहिए कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने प्याज के भंडारण के क्या इंतजाम किए थे। राजस्थान में जब प्याज का उत्पादन चरम पर था तो राज्य सरकार ने यहां किसानों को सस्ते दामों में प्याज बेचने पर मजबूर किया है। ना तो राज्य सरकार की ओर से प्याज की खरीद के इंतजाम किए गए और ना ही किसानों को प्याज के भंडारण की कोई व्यवस्था की।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने कहा कि सरकार अपने पांच वर्ष बीत जाने के बाद गारंटिया दे रही है कि हम ये 7 कार्य करेंगे लेकिन इससे पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने ये गारंटिया अपने शासन काल में पूरी क्यों नहीं की? अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार समय रहते आमजन की भलाई के लिए कार्य करती तो चुनावों के दौरान उन्हें इस प्रकार झूठी गारंटिया देने की जरूरत नहीं पडती। कांग्रेस के भ्रष्टाचार और युवा व किसान विरोधी चेहरे को राजस्थान की जनता पूरी तरह से पहचान चुकी है और मतदान के दिन हर झूठे वादे का हिसाब लेगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप