राजस्थान में भाजपा की अल्पसंख्यक वोट बैंक में 'सेंधमारी' की तैयारी

 


जयपुर, 2 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अल्पसंख्यक बहुल सीटों के लिए आक्रामक और भावनात्मक रणनीति तैयार की है। इनमें मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए पार्टी ने पहले ‘स्नेह संवाद’ कार्यक्रम किए और अब संवाद सेतु के जरिए सक्रियता दिखाई जा रही है। दूसरी ओर इन सीटों पर ही हिन्दू मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के लिए राम मंदिर निर्माण से जोड़ा जा रहा है। इनमें वे मतदाता हैं, जो कांग्रेस के पक्ष में वोट करते आए हैं।

राजनीतिक दलों के अनुसार प्रदेश में मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों की संख्या 40 है और इसी आधार पर रणनीति तैयार की गई है। भाजपा ने इनमें से 18 सीट ऐसी मानी है, जहां परिणाम में मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में रहता है। अलवर, भरतपुर, जयपुर शहर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, बाड़मेर-जैसलमेर, जोधपुर लोकसभा सीट हैं, जिनमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक मतदाता हैं। कई विधानसभा क्षेत्र में तो वे निर्णायक स्थिति में रहते आए हैं। भाजपा अल्पसंख्यक बहुल की 40 विधानसभा सीट मानती हैं। इनमें हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन्स, सीकर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, झुंझुनूं, मंडावा, सरदारपुरा, सूरसागर, फलौदी, पोकरण, जैसलमेर, शिव, चौहटन, बीकानेर पश्चिम, बीकानेर पूर्व, खाजूवाला, पुष्कर, मसूदा, टोंक, कोटा उत्तर, लाडपुरा, नागौर शहर, मकराना, डीडवाना, लाडनूं, नगर, कामां, तिजारा, किशनगढ़बास, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, सवाईमाधोपुर, झालरापाटन, बूंदी, चूरू, धौलपुर और करणपुर है।

मुस्लिम मतदाताओं को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, तीन तलाक कानून, अल्पसंख्यकों के लिए संचालित योजनाएं, हुनर आर्ट और उस्ताद योजना तो हिन्दु मतदाताओं को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, पेट्रोल-डीजल के कम किए दाम, पीएम आवास योजना-उज्ज्वला योजना, नई रोशनी, नई उड़ान कार्यक्रम गिनाए जा रहे हैं। अभी प्रदेश में मुस्लिम बहुल 40 सीटों में से 18 सीट कांग्रेस के पास हैं जबकि, 19 सीट पर भाजपा काबिज है। तीन सीट पर निर्दलीय व अन्य पार्टी काबिज है। प्रदेश में 52 हजार से ज्यादा बूथ हैं। इनमें से करीब 10 हजार बूथों पर अल्पसंख्यकों का दबदबा है। इन बूथों का जिम्मा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को दिया गया है। इन बूथों पर मोर्चा चुनावी प्लानिंग में जुट गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप