कांग्रेस की गारन्टी तो छोड़ो, खुद कांग्रेसी विवाह के वक्त लिए सात वचन ही नहीं निभा पा रहे: गोपाल शर्मा

 


जयपुर, 14 नवम्बर (हि.स.)। सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार डॉ गोपाल शर्मा का कहना है कि कांग्रेस की गारन्टी तो छोड़ो, खुद कांग्रेसी विवाह के वक्त लिए सात वचन ही नहीं निभा पा रहे। गोपाल शर्मा आज पिंकसिटी प्रेस क्लब में पत्रकारों से रुबरु हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर निवर्तमान सरकार ने आमजन को छलने का काम किया है, जिसके राज में भ्रष्टाचार चरम पर रहा और लोग त्राहि-त्राहि करते रहे, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अब जनता ने मन बना लिया है कि वह इस राज को बदलकर रहेंगे।

कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए सात वादों के प्रश्न पर डॉ गोपाल शर्मा ने कहा कि इस सरकार को वादों से ज्यादा काम करने ज्यादा जरूरत थी, लेकिन वह इसमें पूर्ण रूप से विफल रही है। ऐसे में अब समय आ गया है कि ऐसी अकर्मण्य सरकार को बदल दिया जाए।

अरुण चतुर्वेदी और उनकी टीम के सहयोग पर किए गए सवाल के जवाब में गोपाल शर्मा ने कहा कि अरुण चतुर्वेदी उनके बड़े भाई हैं और भाजपा का हर-एक कार्यकर्ता इस समय पूरी शक्ति के साथ चुनाव जीतने के लिए जुट चुका है। गोपाल शर्मा ने कहा कि पार्टी द्वारा एक सक्रिय पत्रकार को सिविल लाइन्स से टिकट देना यह बताता है कि पार्टी ने पत्रकारों पर अपना भरोसा जताया है और इस भरोसे को वे जनता की मदद और सेवा के जरिए कायम रखेंगे।

कांग्रेस सरकार ने हमेशा से ही राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न उठाया और इतना ही नहीं उन्होंने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए रामसेतु को ही काल्पनिक बता दिया, गोपाल शर्मा ने कहा कि यह वही लोग हैं जो राम जन्मभूमि पर कभी शौचालय कभी, अस्पताल बनाने की बात कह रहे थे, समय आ गया है कि जनता ऐसी सनातन विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके और अपना करारा जवाब दें।

अपने प्रतिद्वन्द्वी प्रताप सिंह खाचरियावास के यह कहने पर कि कौन गोपाल शर्मा?

इस सवाल के जवाब में गोपाल शर्मा ने कहा कि कोई व्यक्ति शेर की खाल पहनकर केवल छोटे बच्चों को ही डरा सकता है। शर्मा ने कहा कि वे प्रताप सिंह खाचरियावास को तब से जानते हैं जब वे नौवीं-दसवीं कक्षा में पढ़ा करते थे और भैंरो सिंह शेखावत को विरोध करने के लिए वे भाजपा से कांग्रेस में गए थे। वह भले ही मुझे नहीं जानते हो लेकिन जनता उनको उनके कारनामों से जरूर जानती है।

प्रताप सिंह की शादी में भी वे गए थे और उनकी माताजी को वे चाचीजी कहकर बुलाते हैं। गोपाल शर्मा ने स्पष्ट किया कि वे 2023 का विधानसभा चुनाव राष्ट्र से लेकर सिविल लाइन्स तक लड़ रहे हैं। उनका मानना है कि सिविल लाइन्स कम से कम सिविलियन्स का क्षेत्र तो बने, जहां भ्रष्टाचार न हो, लोगों में सुरक्षा की भावना कायम रहे और लोग स्वयं के साथ राष्ट्र के उत्थान की सोच पैदा कर सकें। गोपाल शर्मा ने यह दावा किया कि वे पार्टी के अदने से कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे और वे आगे भी कर्मठ कार्यकर्ता बन लोगों की सेवा करते रहेंगे। डॉ गोपाल शर्मा ने कहा कि राजा यदि संतुष्ट हो जाए तो वह राज्य गर्त की ओर ही चला जाता है।

गहलोत सरकार द्वारा स्वयं को सन्तुष्ट बताना और लोगों को वादे करना यह राज्य को गर्त की ओर ले जाने वाला है। गोपाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने देश की आजादी के बाद केवल 1977 के चुनाव ही ऐसे चुनाव देखे थे जिसमें जनता ने बता दिया कि उसमें राजतिलक करने की शक्ति है तो मुकुट छीनने की ताकत भी उसमें हैं।

पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोंसिंह शेखावत के साथ रहने और उनके द्वारा दी गई सीख व आशीर्वाद के चलते ही वे आज जनता की सेवा करने के लिए तैयार हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि शेखावत के मरणोपरान्त श्रद्धान्जली सभा में आभार जताने का अवसर परिवार ने उन्हें ही दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/आकाश