भाजपा ने निर्दलीय विधायक कोठारी की सदस्यता से किया इनकार, सियासी विवाद गहराया विस अध्यक्ष देवनानी का बयान-भीलवाड़ा कोठारी भाजपा के सदस्य नहीं, इसलिए कार्रवाई नहीं- देवनानी
भीलवाड़ा, 17 अक्टूबर (हि.स.)। भीलवाड़ा के निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में सदस्यता को लेकर गुरुवार को बड़ा सियासी विवाद सामने आया। भाजपा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता देने से मना कर दिया, जिसके बाद यह मामला गरमा गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भीलवाड़ा में मीडिया से बातचीत के दौरान इस विषय पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि कोठारी भाजपा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
भीलवाड़ा के हरिशेवा धाम सनातन आश्रम में महामंडलेश्वर हंसराम महाराज उदासीन के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने भीलवाड़ा पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मीडिया से कहा, मेरे पास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का स्टेटमेंट आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि अशोक कोठारी को पार्टी की सदस्यता नहीं दी गई है। वे आज की तारीख में पार्टी के सदस्य नहीं हैं, और जब वे सदस्य नहीं हैं, तो मेरा उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं बनता है।
देवनानी का यह बयान भीलवाड़ा के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सामने आया। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कोई विधायक औपचारिक रूप से विधानसभा के विधायक दल की सदस्यता नहीं लेता, तब तक उसके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यह मामला स्वतः संज्ञान का नहीं है क्योंकि पार्टी ने कोठारी को सदस्यता देने से मना कर दिया है।
दल-बदल कानून लागू नहीं- देवनानी
देवनानी ने इस मामले में आगे कहा कि भाजपा में विशेष आमंत्रित सदस्य भी होते हैं, और कोठारी के मामले में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है। विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली द्वारा इस मुद्दे पर एक पत्र भी विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया था, जिसमें कोठारी की विधायकी खत्म करने की मांग की गई थी। इस पर देवनानी ने कहा, मैंने विधानसभा सचिव को तथ्यों के आधार पर जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
भीलवाड़ा के भाजपा जिलाध्यक्ष का बयान
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी व्यक्ति मिस कॉल करके भाजपा का सदस्य बन सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा ही लिया जाता है कि किसे सदस्य बनाना है और किसे नहीं। मेवाड़ा ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड या अन्य प्रकार की पृष्ठभूमि होती है, तो उसके बारे में पार्टी की जिला और प्रदेश स्तरीय टीम निर्णय लेती है।
विवाद का कारण-मिस कॉल के जरिए सदस्यता
यह सियासी विवाद तब शुरू हुआ जब विधायक अशोक कोठारी ने भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी के टोल फ्री नंबर पर मिस कॉल करके सदस्यता ली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया और सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें और वीडियो साझा किए।
उस समय कोठारी ने अपने बयान में कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और विचारधारा से प्रेरित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा था कि वे चाहते हैं कि देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़े और तरक्की करे। कोठारी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता मोदी जी की नीतियों से प्रभावित होकर ली थी, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए।
नेता प्रतिपक्ष की विस अध्यक्ष को चिट्ठी---
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को एक पत्र लिखकर अशोक कोठारी की विधायकी खत्म करने की मांग की। जूली का तर्क था कि कोठारी ने भाजपा की सदस्यता लेकर दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है।
राजनीतिक स्थिति पर असर
इस विवाद ने भीलवाड़ा की राजनीति को गर्म कर दिया है। एक ओर भाजपा ने साफ तौर पर कोठारी को सदस्यता देने से इनकार कर दिया है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस मामले को जोर-शोर से उठा रहा है। इससे पहले भी कई बार निर्दलीय विधायकों के पार्टी में शामिल होने और दल-बदल कानून के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद