भीलवाड़ाः बिजौलियां के भड़क में 30 फीट की ऊँचाई से सात झरने हुए शुरू
भीलवाड़ा, 05 जुलाई (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया उपखंड क्षेत्र में गुरुवार रात को हुई मानसून की बारिश ने भड़क जलप्रपात को जीवंत कर दिया है। भीलवाड़ा से 92 किमी की दूरी पर और बिजोलिया मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर स्थित यह प्रसिद्ध जलप्रपात अपनी अनुपम छटा बिखेर रहा है। भड़क जलप्रपात, जो छोटी बिजोलिया ग्राम पंचायत में स्थित है, में 30 फीट की ऊंचाई से एक साथ सात झरने गिरने लगे हैं, जिससे पर्यटकों का आना शुरू हो गया है।
भड़क जलप्रपात का यह मनोरम दृश्य मानसून की बारिश के बाद हर साल देखने को मिलता है। यहां पर सात झरने एक साथ गिरते हैं, जो देखने में अद्वितीय और रोमांचक होते हैं। पर्यटक यहां आकर इन झरनों के सौंदर्य का आनंद लेते हैं और प्राकृतिक सुंदरता के बीच एक अनोखा अनुभव प्राप्त करते हैं। इस जलप्रपात के कारण स्थानीय और दूर-दराज के क्षेत्रों से भी पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं।
झरने के बीच स्थित एक गुफा में भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है, जहां प्राकृतिक रूप से जलाभिषेक होता है। यहां महादेव के मंदिर की उपस्थिति के कारण धार्मिक पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं। भक्तगण भगवान शिव के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं और झरने की प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हैं। यह स्थल आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है।
बारिश के बाद यहां के दृश्य को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। भड़क जलप्रपात का यह दृश्य मानसून के दौरान और भी सुंदर हो जाता है, जब चारों ओर हरियाली और झरनों की गूंज सुनाई देती है। यह स्थल फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी एक स्वर्ग समान है, जहां वे प्रकृति की सुंदरता को अपने कैमरों में कैद कर सकते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। झरनों के आसपास सुरक्षा घेराबंदी की गई है और गार्ड तैनात किए गए हैं, ताकि पर्यटक सुरक्षित रूप से इस प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकें। प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और झरनों के नीचे जाने से बचें।
भड़क जलप्रपात के इस अद्वितीय दृश्य का आनंद लेने के लिए पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों के लिए भी यह समय बेहद लाभकारी होता है, क्योंकि पर्यटकों की भीड़ से उनका व्यापार बढ़ता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल मानसून के दौरान यहां का नजारा बेहद खूबसूरत होता है, और इस साल भी पर्यटकों की भीड़ से यह स्थान गुलजार हो गया है।
बिजोलिया क्षेत्र के निवासी और पर्यटक दोनों ही इस प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद ले रहे हैं। झरनों की गूंज, हरियाली की छटा और भगवान शिव का प्राकृतिक जलाभिषेक इस स्थल को और भी विशेष बना देता है। इस तरह भड़क जलप्रपात न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है, जो लोगों के मन को शांति और आनंद प्रदान करता है।
पर्यटकों के आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है और क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खुलते हैं। भड़क जलप्रपात का यह अद्वितीय दृश्य मानसून के दौरान अपनी पूरी रौनक पर होता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस प्रकार, यह स्थल प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द पेसवानी/ईश्वर