भीलवाड़ा के आशुतोष शर्मा बने सिविल जज

 


भीलवाड़ा, 19 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान सिविल जज भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित होते ही भीलवाड़ा में खुशी की लहर दौड़ गई। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में भीलवाड़ा के आशुतोष शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 12वीं रैंक हासिल की है। आशुतोष की इस सफलता ने न केवल परिवार बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है। परिणाम आते ही उनके घर के बाहर परिजनों, रिश्तेदारों और मित्रों का जमावड़ा लग गया, जहां फूल-मालाएं पहनाकर और मिठाइयां खिलाकर उनका भव्य स्वागत किया गया।

बचपन से ही न्याय के क्षेत्र में सेवा करने का सपना देखने वाले आशुतोष शर्मा ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और धैर्य के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने दिन-रात जागकर पढ़ाई की, सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी और अपने लक्ष्य पर पूरी तरह फोकस किया। आशुतोष की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने अपने पिता गणेश कुमार शर्मा के उस अधूरे सपने को साकार किया है, जिसे वे स्वयं पूरा नहीं कर पाए थे।

आशुतोष बताते हैं कि उनकी तैयारी की यात्रा आसान नहीं थी। वर्ष 2020 से उन्होंने सिविल जज बनने का लक्ष्य तय कर लिया था। 2022 में वकालत पूरी करने के बाद उन्होंने प्रैक्टिस के साथ-साथ पढ़ाई जारी रखी। इस दौरान कई चुनौतियां आईं, लेकिन परिवार, गुरुजनों और मित्रों के सहयोग ने उन्हें कभी टूटने नहीं दिया।

आशुतोष शर्मा ने बताया कि “राजस्थान सिविल जज परीक्षा में मेरी 12वीं रैंक आई है। इसकी जर्नी बहुत लंबी रही है। मैं 2020 से इसकी तैयारी कर रहा था। 2022 में मेरी वकालत पूरी हो गई और उसके बाद काम के साथ-साथ पढ़ाई करता रहा। इस सफलता का श्रेय मैं अपने परिवार, गुरुजनों और मित्रों को देता हूं। जब भी मुझे परेशानी होती थी या मैं डिप्रेशन महसूस करता था, तब वे मुझे मोटिवेशन देते थे। आज की युवा पीढ़ी को मेरा संदेश है कि धैर्य रखें, मेहनत करें, सफलता जरूर मिलेगी। मेरा बचपन से सपना था कि मैं न्याय के क्षेत्र में काम करूं।

आशुतोष की सफलता में उनके गुरुजनों का भी अहम योगदान रहा है। विशेष रूप से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में कार्यरत नीरज गुर्जर का मार्गदर्शन उनके लिए प्रेरणास्रोत बना। परिवार का कहना है कि आशुतोष शुरू से ही मेहनती, अनुशासित और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहा है। आशुतोष के पिता गणेश कुमार शर्मा ने कहा है कि “मेरा बेटा आशुतोष बचपन से ही मेहनती और जुनूनी रहा है। आज उसने जज बनकर न केवल अपना बल्कि मेरा भी सपना पूरा कर दिया है। जो इच्छा मैं पूरी नहीं कर पाया, वह मेरे बेटे ने साकार कर दी। आज मुझे बहुत गर्व और खुशी हो रही है।

आशुतोष शर्मा की यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिश्रम और धैर्य के साथ अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। भीलवाड़ा का यह होनहार बेटा आज न्याय के क्षेत्र में सेवा के अपने संकल्प के साथ नई जिम्मेदारी निभाने को तैयार है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद