आश्रयहीन मुक्त राजस्थान शुरू, 28 एंबुलेंसों से किया जाएगा असहाय और बीमारों का रेस्क्यू
भरतपुर, 27 फ़रवरी (हि.स.)। दीन-हीनों की सेवा में अपनी अलग पहचान रखने वाले भरतपुर के अपनाघर आश्रम ने मंगलवार को एक और पहल करते हुए असहाय, बीमार, लावारिस आश्रयहीन मुक्त राजस्थान अभियान का श्रीगणेश किया। यह अभियान प्रदेश के सभी संभाग एवं जिलों में 29 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। इसका शुभारंभ मंगलवार को गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर अभियान के तहत 28 एम्बुलेंस एक साथ रेस्क्यू करेंगी। प्रत्येक संभाग (पुराने वाले संभाग) में 4 एम्बुलेंस तथा जिलों में दो-दो एम्बुलेंस रहेंगी। इनके साथ संस्था का 122 सदस्यीय स्टाफ भी रहेगा। हर संभाग के लिए एक स्वयंसेवक को प्रभारी के रूप में भेजा गया है।
अपनाघर आश्रम से जुड़ी बबीता गुलाटी ने बताया कि आश्रम के भवन में आवश्यक बैड, गद्दा, तकिया, चादर के साथ मेडिकल, मनोरंजन, बिजली, पानी आदि जनसुविधाएं तथा रेस्क्यू होने वाले 1000 आश्रयहीन को रखने की व्यवस्था की गई है। एक हजार से अधिक आश्रयहीन रेस्क्यू होने पर इनको राज्य के दूसरे आश्रमों में भी जहां आवासीय व्यवस्था खाली होगी, वहां रखा जाएगा। अभियान अपना घर आश्रम भरतपुर तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निदेशक दिलबाग सिंह राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। अभियान की सफलता के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने भी इसे गंभीरता से लिया तथा अभियान में सहयोग के लिए सभी जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक व समाज कल्याण अधिकारियों को सहयोग करने के लिए पत्र लिखे हैं।
अभियान में 18 वर्ष से अधिक आयु के असहाय, लावारिस, बीमार आश्रयहीन को रेस्क्यू किया जा सकेगा, जिसकी सूचना संबंधित थानों को देने के बाद ही रेस्क्यू करने की कार्रवाई की जाएगी। इन्हें चिह्नित सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग करेगा। आमजन को सूचना देने के लिए संस्था ने हैल्पलाइन नंबर 9950737673 जारी किया है। जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंसों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अपना घर के 22 आश्रम हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनुराधा/संदीप