'अंत्योदय' से हो रहा आदिवासियों का उत्थान : मुख्यमंत्री

 


जयपुर, 18 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आदिवासी समाज सदियों पुरानी संस्कृति के प्रमुख वाहक हैं। उनकी समृद्ध परंपराएं और गौरवशाली इतिहास को संरक्षित रखते हुए राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने आश्वस्त किया कि आगामी परिवर्तित बजट 2024-25 में जनजाति क्षेत्रीय विकास से संबंधित विषयों पर मिले सुझावों का उचित परीक्षण कर शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।

शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के हितधारकों के साथ परिवर्तित बजट 2024-25 से पूर्व आयोजित बैठक में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पं. दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय तथा एकात्म मानववाद की अवधारणाओं को आत्मसात करते हुए आदिवासी समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। अंत्योदय की भावना से ही हम अंतिम छोर पर बैठे आदिवासी समाज के व्यक्ति को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में चिकित्सा, शिक्षा, परिवहन, रोजगार, वनाधिकार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संकल्पित होकर कार्य कर रही है। आदिवासियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा और आदिवासी युवाओं को उद्यमशील बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेलवे प्रोजेक्ट एवं जनजाति बाहुल्य जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों के निरंतर निर्माण से विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।

शर्मा ने कहा कि आदिवासी हमारे समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं, हम इस अंग को कमजोर नहीं रहने देंगे और इसे सशक्त बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज पारंपरिक कृषि पद्धतियों, जल संरक्षण तकनीकों और पशुधन प्रबंधन का प्रेरणा स्त्रोत रहा है। आदिवासियों की परंपराओं, कला, शिल्प और जीवनशैली ने राजस्थान की सांस्कृतिक धारा को हमेशा समृद्ध किया है। साथ ही, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, राष्ट्रीय गौरव और वीरता के क्षेत्र में उन्होंने अप्रतिम उदाहरण स्थापित किए हैं।

उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास के लिए संकल्पित है। जनजाति क्षेत्रीय विकास के हितधारकों द्वारा दिए गए सभी सुझावों को संकलित कर परिवर्तित बजट 2024-25 में सम्मिलित करने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि पहली बार राज्य सरकार जनजाति क्षेत्रीय विकास से जुड़े प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित कर बजट के लिए सुझाव आमंत्रित कर रही है।

इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण अपर्णा अरोरा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता कुलदीप रांका तथा प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में अरावली विचार मंच (उदयपुर), सारथी (बांसवाड़ा), भील समाज विकास समिति (बाड़मेर) सहित विभिन्न संस्थाओं एवं श्री शांतनु सिंह (भीलवाड़ा), प्रो. राकेश डामोर (बांसवाड़ा), सूर्यप्रकाश बरण्डा (उदयपुर), मुन्नालाल सहरिया (बारां), डॉ. रेखा खराड़ी आदि प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप