स्वाधीनता आंदोलनों में रही घुमंतू समाज की महत्वपूर्ण भूमिका - अजय

 




दौसा, 17 मई (हि.स.)। दौसा में घूमन्तु जाति उत्थान न्यास द्वारा संचालित छात्रावास का वार्षिकोत्सव शुक्रवार को जयपुर रोड़ स्थित आदर्श विद्या मंदिर में संत राजूदास महाराज के सान्निध्य में आयोजित हुआ। जिसे सम्बोधित करते हुए संत ने कहा कि घुमंतू समाज के उत्थान के लिए स्वयंसेवकों द्वारा कई तरह के प्रकल्प चलाकर सराहनीय प्रयास किया जा रहे हैं। समाज के बच्चों को छात्रावास में रखकर निःशुल्क आवासीय शिक्षा देने का प्रकल्प भी अनुकरणीय है। उन्होंने घुमंतू समाज के लोगों से आगे आकर अपने बच्चों को शिक्षित बनाने का आह्वान किया।

घुमंतू कार्य के प्रांतीय छात्रावास प्रमुख अजय कुमार ने कहा स्वाधीनता के बाद आज हमारे देश की जनसंख्या 145 करोड़ हो चुकी है, लेकिन आज भी हम जातिगत विषयों से बाहर नहीं आए हैं। हमारे देश का प्राचीन इतिहास गौरवशाली रहा है और अखंड भारत की परिकल्पना हमारे मन में जीवट है। लेकिन हमारे लोगों के मन में जातिगत बातों को लेकर व्याप्त मतभेदों के कारण देश के कई विभाजन हुए। देश के विकास के कालखंड में समाज की घूमन्तु जातियां पीछे छूट गई, लेकिन इन समाज बन्धुओं की स्वाधीनता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने कहा 1857 की क्रांति में इन समाज के लोगों की भूमिका अविस्मरणीय रही है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश के गौरव को बनाए रखने वाले घूमन्तु समाज को आगे लाना होगा। साढ़े 12 करोड़ की आबादी वाले घूमन्तु समाज का विकास नहीं हुआ। ऐसे में हमें सोचना होगा कि इन जातियों के उत्थान कैसे किया जा सकता है। प्रदेश में 14 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिससे घूमन्तु समाज के बच्चे शिक्षित होकर आगे बढ़ सकें।

छात्रों ने दी प्रस्तुति

कार्यक्रम में घुमंतू समाज के छात्रों ने सामूहिक योगासन, एकल गीत, छात्र लवकुश बावरिया ने घूमन्तु जातियों का इतिहास बताया, छात्र विजय सिंह बावरिया ने अंग्रेजी में भाषण दिया, जहां प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। समाज के प्रबुद्ध लोगों का भी सम्मान किया। इस दौरान क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख महावीर प्रसाद शर्मा, संघ के प्रांत व्यवस्था प्रमुख कैलाशचंद गुप्ता, जिला कार्यवाह दीनदयाल, छात्रावास संचालन समिति के मनोज राघव समेत दर्जनों समाज बंधु और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ इंदु/ईश्वर