शरद पूर्णिमा पर आसमान से बरसा अमृत, मंदिरों में सजी धवल झांकी

 


जयपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। आश्विन पूर्णिमा गुरुवार को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई गई। गुरुवार को चंद्रमा अपनी संपूर्ण सोलह कलाओं के साथ निकला। लोगों ने खीर बनाकर देर रात तक चंद्रमा की शीतल किरणों के नीचे रखा। मंदिरों में चंद्रमा की शीतलता में भजन-कीर्तन किए। लोग देर रात तक घरों की छतों पर रहे। पार्कों में भी लोग समूह में बैठे।

मंदिरों में ठाकुरजी का धवल श्रृंगार किया गया। ठाकुरजी को चांदी के पात्र में खीर का भोग लगाया जाएगा। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में शरद पूर्णिमा महोत्सव पर सुबह ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर सुनहरे गोटे की सफेद पार्चा जामा पोशाक धारण कराकर विशेष अलंकार श्रृंगार एवं मुकुट धारण कराया गया। संध्या झांकी बाद महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में शाम सवा सात से साढ़े सात बजे तक ठाकुर श्रीजी की शरद उत्सव की विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुर श्रीजी को खीर और खीरसा का भोग लगाया गया। मंदिर के गर्भगृह में शरदोत्सव की विशेष खाट सजाई गई। खाट पर शतरंज, चौसर की बाजी सजाई गई। वहीं गाय, धूप दान, इत्र दान, पान दान से खाट को सुसज्जित किया गया। धार्मिक मान्यता है कि शरदोत्सव पर ठाकुरजी चौसर खेलते हैं और महारास लीला करते हैं।

सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में शरदोत्सव मनाया गया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुर जी को मध्यकालीन भक्ति आचार्यों के पदों का गायन कर रिझाया गया। इस मौके पर ठाकुरजी को सफेद पोशाक धारण कराकर धवल पुष्पों से श्रृंगारित किया गया। खीर का भोग लगाया गया। शाम से रात तक चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर ठाकुरजी को भोग लगाया गया।

समाज श्री सीताराम जी की ओर से छोटी चौपड़ स्थित श्री सीतारामजी मंदिर में शरद पूर्णिमा महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। मंदिर महंत नंदकिशोर ने ठाकुरजी का पंचामृत से स्नान कराकर नई पोशाक धारण कराई।

समाज के मंत्री रामबाबू झालानी ने बताया कि शरद पूर्णिमा की शाम को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखा गया। समाज के लोगों ने ठाकुर जी को रास, चौपड़ और पासे के पद गाकर रिझाया। रात्रि 11 बजे बाद भक्तों को प्रसाद के रुप में खीर का वितरण किया गया।

चंद्रमा की चांदनी में कवियों ने गाए गीत

प्रोग्रेसिव राइटर्स क्लब एसोसिएशन की ओर से बुधवार को शरद पूर्णिमा पर अजमेर रोड डीसीएम स्थित होटल रीगल के लॉन पर गीत चांदनी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें गाजियाबाद से बृजेश भट्ट, लखीमपुर खीरी से ज्ञान प्रकाश आकुल, चूरू से बनवारी लाल खामोश, गढ़मुक्तेश्वर से निकुंज शर्मा, औरैया से इति शिवहरे, नागौर से धनराज दाधीच, दौसा से सपना सोनी और चित्तौडग़ढ़ से रमेश शर्मा ने चंद्रमा की चांदनी में गीत गाए।

कार्यक्रम संयोजक साहित्यकार लोकेश कुमार सिंह साहिल ने बताया कि इस मौके पर डॉ ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान समारोह-2024 आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, सिविल लाइसं विधायक गोपाल शर्मा, जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी, , सेवानिवृत आईएएस राजेश्वर सिंह, सीआईटीएलसी के पीठासीन अधिकारी राधामोहन चतुर्वेदी और तरुण समाज के अध्यक्ष विशम्भर मोदी उपस्थित रहे। लखीमपुर खीरी के ज्ञान प्रकाश आकुल को डॉ. ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के बाद खीर का वितरण किया गया।

श्री प्रेमभाया सरकार के समक्ष मनाया शरद चांदनी उत्सव:

श्री प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में श्री प्रेमभाया सरकार के शरद चांदनी उत्सव भक्तिभाव से मनाया गया। समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि श्री प्रेमभाया सरकार के धवल पोशाक धारण करा कर पुष्पों से श्रृंगार किया गया। खीर का भोग लगाकर आरती की गई। रात्रि 11:30 तक भक्ति संगीत हुआ। इसमेंं युगल जी शास्त्री के ढूंढ़ाड़ी भाषा में गाए भक्ति के पदों का गायन किया गया।

एक हजार किलो दूध की खीर का वितरण:

श्री खोले के हनुमानजी मंदिर में हनुमानजी महाराज का दुग्धाभिषेक कर नवीन चोला चढ़ाया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर श्रंगार किया गया।

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि रात्रि 9 बजे से सामूहिक सुंदरकाण्ड किए गए। रात्रि 11:30 बजे हनुमान जी महाराज की महाआरती कर खीर वितरित की गई। इसमें औषधि युक्त अस्थमा रोगियों के लिए अलग से औषधि युक्त खीर प्रसादी वितरण किया गया। एक हजार किलो दूध से बनी खीर का वितरण किया गया।

यहां भी सजी शरदोत्सव की झांकी:

शरद पूर्णिमा पर पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी मंदिर, सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर, मदन गोपाल, रामगंज बाजार के लाड़लीजी, जगतपुरा स्थित अक्षयपात्र, चित्रकूट स्थित अक्षरधाम, धौलाई स्थित इस्कॉन मंदिर, सहित अन्य सभी मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन हुए।

शुक्र ने किया अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश, तीन राशियों को होगा खास लाभ

जयपुर। विलासिता के कारक शुक्र ने गुरुवार को विशाखा से अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर लिया। नक्षत्र का यह परिवर्तन तीन राशियों के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है। इन राशियों की किस्मत चमक सकती है। आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिल सकता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा बताया कि सभी ग्रह एक निश्चित काल में न सिर्फ राशि परिवर्तन ही नहीं बल्कि नक्षत्र परिवर्तन भी करते हैं। नक्षत्र परिवर्तन का तीन राशियों पर खास असर पड़ेगा।

वृषभ राशि:

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र का नक्षत्र परिवर्तन शुभ समाचार लेकर आ सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। कर्मचारियों को उच्च वेतन और पदोन्नति मिल सकती है। जो लोग व्यापार करते हैं वे ग्राहकों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करते हैं। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अपने प्रयासों से लाभ हो सकता है।

धनु राशि:

धनु राशि वाले लोगों को करियर में नए मौके मिल सकते हैं। व्यापार से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। नए सौदे संपन्न हो सकते हैं, जिससे भारी मुनाफा भी होगा। लाभ के नए स्रोत बन सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। अगर आप किसी बीमारी से पीडि़त हैं तो आपको राहत मिल सकती है। अपने कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत करें।

कुंभ राशि:

अनुराधा नक्षत्र में शुक्र का गोचर अत्यंत शुभ माना जाता है। पैसों की समस्या से राहत मिल सकती है। जिन पेशेवरों को पदोन्नति नहीं मिली उन्हें कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आपके बॉस आपके काम से प्रसन्न हो सकते हैं। आपको नए कार्य भी दिए जा सकते हैं। सहकर्मियों का काम में पूरा सहयोग मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश