आंवला नवमी: महिलाओं ने लगाई आंवले के पेड़ की 108 परिक्रमा
जयपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। कार्तिक शुक्ल नवमी पर मंगलवार को आंवला नवमी मनाई गई। जहां महिलाएं सुबह से ही आंवले के पेड़ की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना करती दिखी। जयपुर शहर में आंवले के पेड़ों के नीचे महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। आज के दिन ही मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं शिवजी की पूजा आंवले के रूप में की थी है।
शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर व राधा दामोदरजी मंदिर में मंगलवार को आंवला पूजन करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ी। आंवला नवमी के उपलक्ष्य में महिलाओं ने आंवले के पेड़ के नीचे श्री हरि विष्णु के दामोदर स्वरूप की पूजा-अर्चना की। जहां पर आंवले का पेड़ नहीं मिला। वहां मंदिरों में गमले में लगे आंवले के पौधे का पूजन किया और 108 परिक्रमा लगाई। ठाकुरजी को 108 आंवले भी अर्पित किए और कुछ महिलाएं भोजन भी आंवले के पेड़ के नीचे किया गया है।
मंदिरों में सुबह से भीड़
उधर कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं गोविंददेवजी मंदिर में आंवला पूजन करती नजर आई, यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। वहीं चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधादामोदरजी में भी सुबह से ही महिलाओं की भीड़ नजर आई। महिलाओं ने ठाकुरजी को आंवले अर्पित किए, यहां आंवले के पौधे की परिक्रमा लगाने के लिए भी महिलाओं में होड सी देखने को मिली। इस दौरान ठाकुरजी के विशेष झांकी के दर्शन हुए। इसके अलावा ठिकाना मंदिर राधा गोपीनाथ जी पुरानी बस्ती स्थित मंदिर में मंगलवार को कार्तिक मास की आंवला नवमी पर विशेष गोपीनाथ जी की झांकी सजाई गई। साथ ही आंवला नवमी कार्तिक मास के उपलक्ष में महिला श्रद्धालुओं ने आंवला नवमी पर राधा गोपीनाथ जी मंदिर में आंवले के वृक्ष पर 108 परिक्रमा एवं श्रद्धालुओं दान पूर्ण किया।
मां लक्ष्मी ने भी की थी पूजा
ज्योतिषाचार्य श्रीकृष्ण चंद शर्मा ने बताया कि आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु का वास आंवले में होता है। वहीं मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं शिव जी की पूजा आंवले के रूप में की थी और इसी पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया था।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर