कोलकाता डॉक्टर की हत्या के विरोध में अजमेर के चिकित्सक लामबंद, इलाज रोका, रैली निकाली
अजमेर, 16 अगस्त (हि.स.)। कोलकाता के अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर
केस के मामले में अजमेर में विरोध तेज हो गया है। गुरुवार देर रात्रि 12
बजे बाद अजमेर प्राइवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर
निजी और सरकारी चिकित्सकों ने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के बाहर से बजरंगगढ़
चौराहा स्थित शहीद स्मारक तक कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।
शुक्रवार को चिकित्सकों ने सुबह से काली पट्टी बांध कर विरोध जताया और रैली
निकाल कर प्रदर्शन किया। शुक्रवार से ही डॉक्टर्स संपूर्ण कार्य बहिष्कार
पर उतरने जा रहे हैं। संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में
व्यवस्था ना बिगड़े इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अस्पताल
अधीक्षक के द्वारा व्यवस्था संभाली हुई है। शुक्रवार को अजमेर जेएलएन
मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स के द्वारा जेएलएन अस्पताल से रैली
निकाली गई। रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस मेडिकल कॉलेज पर आकर
समाप्त हुई। इस दौरान डॉक्टर्स के द्वारा ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के
आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।
जेएलएन मेडिकल कॉलेज
रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ दिलराज मीणा ने बताया कि
इमरजेंसी के बाहर से यह रैली की शुरुआत की गई। जो विभिन्न मार्गों से होते
हुए मेडिकल कॉलेज पर समाप्त हुई। इस रैली के जरिए भारत की बेटी को न्याय
दिलवा कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। रेजीडेंट डॉक्टर्स
के द्वारा संपूर्ण कार्य बहिष्कार शुरू करने का ऐलान कर दिया गया हैं।
इसमें इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के
सारे रेजीडेंट कॉलेज में हड़ताल जारी है। जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी
तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
जेएलएन अस्पताल के सीनियर डॉक्टर के
द्वारा भी कोलकाता में हुई घटना के विरोध में शुक्रवार को काली पट्टी
बांधकर काम किया गया। सीनियर डॉक्टर के द्वारा ही अस्पताल की व्यवस्थाओं को
संभाला जा रहा है। जेएलएन अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया
कि जेएलएन अस्पताल के रेजीडेंट और सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के द्वारा
संपूर्ण कार्य बहिष्कार की सूचना दी गई थी। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर
फैकल्टी को पाबंद किया गया है। सभी सीनियर डॉक्टर की छुट्टियों को कैंसिल
कर दिया है। सीरियस डॉक्टरों को मरीज को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके
लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
अधीक्षक ने बताया कि सरकार को भी पत्र लिखा
है कि फील्ड से डॉक्टर देने की मांग की है। जिससे की अस्पताल के वर्कलोड
को काम किया जा सके। अस्पताल में मरीजों को कोई समस्या ना हो इसे देखते हुए
जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया, अस्पताल अधीक्षक
डॉक्टर अरविंद खरे खुद लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल
सामरिया के द्वारा वार्डों में जाकर मरीज को देखा जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / ईश्वर