जेडीए में फैले भ्रष्टाचार के नेटवर्क को तोड़ने की तैयारी में एसीबी

 


पांच आरोपितो को किया कोर्ट में पेश, भेजा जेल

जयपुर, 27 अगस्त (हि.स.)।जेडीए में भ्रष्टाचार का नेटवर्क गहरे जड़े जमा चुका है। जोन-9 में कार्रवाई कर सात अधिकारियों को पकड़ने के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जेडीए में फैले भ्रष्टाचार के नेटवर्क पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी में जुट गया है। रिश्वतखोरी का यह नेटवर्क ऊपरी स्तर के अधिकारियों तक फैला हुआ है। वहीं सरकार को भी जेडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ठोस नीति बनानी होगी। जिसकी यहां पर हमेशा से ही कमी देखने को मिली है। वहीं एसीबी ने तहसीलदार लक्ष्मीकांत, जेईएन खेमराज, पटवारी श्रीराम, गिरदावर रविकांत और दलाल महेश मीणा को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। दोनों महिलाओं को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

घूसखोरों के मोबाइल खंगालेगी एफएसएल

जेडीए ऑफिस के घूसखोर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी समेत छह अधिकारियों और एक दलाल के जब्त मोबाइल की एसीबी फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) से जांच करवाएगी। एसीबी ने कुल आठ फोन सीज किए गए हैं। ताकि भ्रष्टाचार में शामिल अन्य अधिकारियों और दलालों तक पहुंचा जा सके। इस मामले में एसीबी ने फाइलें, सेक्टर इंचार्ज का लैपटॉप और डाक पैड भी कब्जे में लिए थे। एसीबी खाली जमीनों के फर्जी पट्टे जारी करने के मामले में जेडीए अधिकारियों की लिप्तता की भी जांच कर रही है। फर्जी पट्टे बनाने से लेकर रिकॉर्ड में चढ़ाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इसके बाद पट्टा धारक जेडीए और कोर्ट के चक्कर काटता रहता है। इन अधिकारियों और जोन की जानकारी एसीबी ने निकाल ली है। एसीबी इस तरह के जमीन के पट्टों को जारी करने वाले जिम्मेदारों से पूछताछ करेगी।जेडीए से संबंधित तमाम शिकायतें लेकर लोग ऑफिस में आ रहे हैं। उनसे भी पूरा विवरण लिया जा रहा है, ताकि जांच में शामिल किया जा सके। जेडीए में दलाली का काम करने वाले कुछ लोग एसीबी की कार्रवाई के बाद अंडरग्राउंड हो चुके हैं। दलाल से मिली जानकारी के बाद एसीबी पट्टा मालिकों से सम्पर्क में जुट गई है। इससे यह तय हो जाएगा की किस तरह से जेडीए के अधिकारी दलाल के माध्यम से रिश्वत का खेल खेला करते थे।

गौरतलब है कि लैंड (भूमि) कंवर्जन के काम को लेकर एक पीड़ित से सितंबर 2023 से रुपए की मांग की जा रही थी। पीड़ित ने जोन नंबर-9 के तहसीलदार, जेईएन, पटवारी, गिरदावर से कई बार मुलाकात कर काम करने की गुजारिश की थी। इसके बाद भी रुपए की मांग कर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था। इस दौरान पटवारी विमला मीणा के पति महेश (दलाल) ने काम कराने के लिए 12 से 13 लाख रुपए की डिमांड रखी थी। कई बार बात करने के बाद 1.50 लाख रुपए में डील तय हुई थी। 23 अगस्त को जेडीए ऑफिस (जोन-9) में कार्रवाई की थी। मौके से तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, जेईएन खेमराज मीणा, पटवारी रविकांत शर्मा, पटवारी विमला मीणा, गिरदावर रुक्मणी (पटवारी का चार्ज), गिरदावर श्रीराम शर्मा और दलाल महेश मीणा को 1.50 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। महेश शर्मा (दलाल), पटवारी विमला मीणा का पति है। एसीबी को सभी कर्मचारियों और दलाल के घर से कोई बड़ी राशि,जमीनों के दस्तावेज या फिर बैंक अकाउंट की जानकारी नहीं मिली थी।

अन्य लोग भी शिकायत लेकर पहुंचे

एसीबी से मिली जानकारी अनुसार, इस बड़े एक्शन के बाद 12 से ज्यादा लोग एसीबी मुख्यालय पहुंचकर अलग-अलग जोन के अधिकारियों-दलालों की शिकायत कर चुके हैं। इसमें अधिकांश शिकायत जेडीए के अधिकारियों की हैं। शिकायतकर्ताओं ने एसीबी को इनकी रिकॉर्डिंग भी दी है। एसीबी के अधिकारियों ने पीड़ितों को सुनकर एक टीम को जांच करने के लिए लगा दिया है। उधर, जेडीए कार्यालय में हेल्प डेस्क बनी हुई है। यहां आने वाले शिकायतकर्ताओं को हेल्प डेस्क से संपर्क करने को भी कह दिया जाता है। ताकि विभागीय स्तर पर समस्या का समाधान भी कराया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश / ईश्वर