गर्भवती महिला के बच्चेदानी की दो किलो वजनी गांठ सर्जरी कर निकाली

 


अजमेर, 8 मई(हि.स.)। मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में पेट दर्द की शिकायत लेकर उपचार के लिए पहुंची एक गर्भवती महिला के बच्चेदानी की करीब 2 किलो वजनी और 25 से 30 सेंटीमीटर बड़ी गांठ सर्जरी कर निकाली गई। गर्भवती महिला को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए जाने पर उसके गर्भ में पल रहा बच्चा एवं महिला अब दोनों सुरक्षित हैं।

मित्तल हॉस्पिटल की सीनियर प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रीतम कोठारी ने बताया कि एक महिला जिसके 13 सप्ताह का गर्भ है पेट में तेज दर्द की शिकायत लेकर हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हुई थी। गर्भवती महिला को तत्काल राहत देने के लिए जरूरी जांचें कराई गर्ई। सोनोग्राफी जांच में गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा सुरक्षित पाया गया लेकिन बच्चेदानी से जुड़ी एक बहुत बड़ी गांठ पाई गई।

गर्भवती महिला और उसके परिवारजन को गांठ के बारे में बताया गया। उनका कहना रहा कि छोटी सी गांठ के बारे में उन्हें पहले से पता था, किन्तु कुछ ही समय में यह गांठ इतनी बड़ी हो जाएगी ऐसा उन्होंने नहीं सोचा था। डॉ प्रीतम कोठारी ने बताया कि आमतौर पर प्रेगनेंसी के साथ इस तरह की इतनी बड़ी गांठ नहीं पाई जाती है। बहुत ही अपवाद वाली स्थिति में ऐसा देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि महिला के बच्चेदानी की गांठ को समय रहते सर्जरी कर नहीं हटाया जाता तो गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे दोनों के लिए घातक हो सकता था।

गांठ के कारण महिला के दर्द तो हो ही रहा था, बच्चे की ग्रोथ और बच्चे के सुरक्षित जन्म के लिए भी बड़ा जोखिम बन रहा था। डॉ कोठारी ने बताया कि महिला की सर्जरी इस तरह से की गई कि उसका गर्भ भी सुरक्षित रहा और उपचार भी हो गया। इस सर्जरी में रेजीडेंट डीएनबी डॉक्टर पूजा, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ रोहिताश शर्मा, यूसुफ, शमा और भगवान ओटी स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा।

उल्लेखनीय है कि मित्तल हॉस्पिटल में एक ही छत के नीचे दक्ष चिकित्सकों के हाथों टीम भावना से देखभाल किए जाने से रोगियों को उनके मर्ज का शीघ्र उपचार मिल जाता है। हॉस्पिटल में आधुनिक तकनीक और उच्च श्रेणी के सभी चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता के रहते रोगियों को चौबीस घंटे सातों दिन गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सुविधा मुहैया हो पा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर