मादा गोडावण के अंडे में से निकला चूजा, ब्रीडिंग सेंटर में अब 32 गोडावण

 


जैसलमेर, 19 अप्रैल (हि.स.)। गोडावण ब्रीडिंग सेंटर से एक और खुशखबरी आई है। सम गांव स्थित सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में टोनी नामक मादा गोडावण के अंडे से एक नन्हा चूजा निकला है। गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में अब गोडावण की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) डीएफ़ओ आशीष व्यास ने बताया कि ब्रीडिंग सेंटर में लगातार गोडावण का कुनबा बढ़ता जा रहा है।

व्यास ने बताया कि सुदासरी स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में टोनी नामक मादा ने लियो नामक मेल गोडावण से मेटिंग के बाद दिए अंडे से चूजा बाहर आया है। उन्होंने बताया कि इस सीजन का ये तीसरा चूजा है। इस तरह अब गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण की संख्या लगातार बढ़ते हुए 32 तक पहुंच गई है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए ये बहुत बड़ी खुशी की बात है कि सरकार के ब्रीडिंग सेंटर में कुनबा बढ़ता जा रहा है।

जंगल में मिले अंडे से टोनी मादा का हुआ था जन्म

आशीष व्यास ने बताया कि साल 2019 में जंगल में मिले एक अंडे से एक मादा गोडावण ने जन्म लिया था। 2019 में अंडे से निकली मादा का नाम अफ्रीकी मूल की पहली अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरीसन के नाम पर रखा गया, क्योंकि उसी दौरान नोबल पुरस्कार विजेता टोनी मॉरीसन का निधन हुआ था। सम स्थित ब्रीडिंग सेंटर में टोनी मॉरिसन नामक मादा गोडावण के अंडे से बाहर आया चूजा विशेषज्ञों के ऑब्जर्वेशन में है और पूरी तरह स्वस्थ है।

सम और रामदेवरा में है ब्रीडिंग सेंटर

जैसलमेर जिले में गोडावण कि तादाद बढ़ाने के लिए कई सालों से सम स्थित सुदासरी में ब्रीडिंग सेंटर चलाया जा रहा है। हाल ही में पिछले साल रामदेवरा में भी ब्रीडिंग सेंटर शूर किया गया है। यहां जंगल में मिले अंडो को विशेषज्ञों कि देखरेख में पाला जाता है और उन अंडो से गोडावण का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। इन अंडो से अब तक 32 गोडावण हो चुके हैं जिनमें 4 इन्ही गोडावण कि मेटिंग से बच्चे निकले हैं। एक चूजा पिछले साल और इस साल 3 चूजे अंडे से बाहर आए हैं। इनमें अब 19 गोडावण सम ब्रीडिंग सेंटर में और 13 रामदेवरा स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में है।

8 से भी ज्यादा गोडावण के विशेषज्ञ

गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में 8 से भी ज्यादा गोडावण के विशेषज्ञ ब्रीडिंग और गोडावण की देखभाल का काम करते हैं। ये पूरी तरह से कृत्रिम है। गोडावण के लिए वेटेनरी डॉक्टर भी मौजूद रहते हैं और उनकी ही मेहनत का नतीजा है जो देखने को मिला है। ये अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। डेजर्ट नेशनल पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं। ये कृत्रिम प्रजनन केन्द्र कई मायनों में सफल साबित हो रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रशेखर/संदीप