राज्य पक्षी गोडावण की मृत्यु से संरक्षण प्रयासों को आघात
जैसलमेर, 12 नवंबर (हि.स.)। जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में हाल ही में तीन गोडावण की मृत्यु हो जाने से तेजी से लुप्त हो रहे शेड्यूल फर्स्ट के वन्य जीव प्राणी को बचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को धक्का लगा है।
जिले के डेजर्ट नेशनल पार्क के सुदासरी इलाके में केंद्रीय वन्य एवं पर्यावरण मंत्रालय,, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया व राजस्थान सरकार द्वारा गोडावण सरंक्षण व कंजरवेशन के लिए एक केपेटिव ब्रीडिंग सेन्टर स्थापित किया है, जिसमें अक्टूबर माह के तीन सप्ताह में तीन गोडावण की मृत्यु हुई है, इन गोडावण की मृत्यु के कारणों के बारे में अहम खुलासे हुए हैं। जहां सात अक्टूबर, तेरह अक्टूबर व बीस अक्टूबर को अलग अलग घटनाओं में मरे गोडावण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या में कार्डियक अरेस्ट होने से गोडावण की मृत्यु होने की बात सामने आई है। लेकिन फिर भी डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा मृत्यु के कारणों की गहन जांच पड़ताल के लिये तीनों गोडावण का विसरा व गोडावण को दिए जाने वाले फूड के सैम्पल आई.आर.वी.आई बरेली भिजवाए गए हैं वहां से इसकी रिपोर्ट आना बाकी है।
उधर इतने अंतराल में हुई तीनों गोडावण की मृत्यु के बाद सुदासरी स्थित ब्रीडिंग एण्ड कन्जर्वेशन सेन्टर में विचरण करने वाली गोडावण की सुरक्षा व कन्जर्वेशन के और बेहतर प्रबंध किये है। डेजर्ट नेशनल पार्क से जुड़े एक उच्चधिकारी ने बताया कि डेजर्ट नेशनल पार्क के सुदासरी इलाके में अक्टूबर माह में जिन तीन गोडावण की मृत्यु हुई हैं उनमें दो गोडावण जो केपेटिव ब्रीडिंग गोडावण में जन्मे थे की मृत्यु एकदम अचानक चलने फिरने के दौरान हो गई है। सी.सी.टी.वी फुटेज में जो जानकारी मिली थी उसमें दोनों घटनाओं में गोडावण कन्जर्वेशन ब्रीडिंग सेन्टर में विचरण कर रहे थे अचानक इसी दौरान वे कॉलेप्स हो गए। जबकि तीसरा गोडावण जिसकी मृत्यु हुई हैं वह मई माह में डेजर्ट नेशनल पार्क में घायल अवस्था में मिला था। इस गोडावण का पैर क्षतिग्रस्त था। संभवतः किसी अन्य स्थान पर उड़ान के दौरान किसी पेड़ या बिजली की तार से टकराया था। हालांकि इसके पंखों को कोई नुकसान नहीं था लेकिन एक पैर डेमेज था फिर भी वह उड़ते उड़ते सुदासरी के डेजर्ट नेशनल पार्क पहुंचा जिस पर वन्यजीव कर्मियों की नजर पड़ी और उसे रेस्क्यू कर के कन्जर्वेटर ब्रीडिंग सेन्टर लाया गया जहां उसका इलाज किया जा रहा था और उसे अलग रखा गया। इलाज के बाद वह काफी इम्प्रूव भी किया था लेकिन सात अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई।
क्या है गोडावण - गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड ) एक बड़े आकार का पक्षी है जो गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र तथा सीमावर्ती पाकिस्तान में पाया जाता है और यह राजस्थान का राज्य पक्षी है। यह पक्षी अत्यंत ही शर्मिला होता है और सघन घास में रहना इसका स्वभाव है। यह पक्षी 'सोन चिरैया', 'सोहन चिडिया' तथा 'शर्मिला पक्षी' के उपनामों से भी प्रसिद्ध है। गोडावण का अस्तित्व वर्तमान में खतरे में है तथा इसकी बहुत ही कम संख्या बची हुई है अर्थात यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है। उड़ने वाले पक्षियों में यह सबसे अधिक वजनी पक्षी है । राजस्थान के जैसलमेर जिले में राष्ट्रीय मरु उद्यान( डेजर्ट नेशनल पार्क) को गोडावण की शरणस्थली कहा जाता है जहाँ पर गोडावण की घटती संख्या को बढ़ाने एवं इनके संरक्षण के लिये हेचरी स्थापित की गई है जहां इनके प्रजनन काल में सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए जाते हैं।
इस संबंध में डेजर्ट नेशनल पार्क के डिप्टी कन्जर्वेटर फोरेस्ट आशीष व्यास ने बताया कि अक्टूबर माह में सात,तेरह व बीस अक्टूबर को अलग अलग घटनाओं मृत्यु हुई थी। इन तीनों का पोस्टमार्टम करवाया था। इन तीन गोडावण के पोस्टमार्टम करने वाले डाॅक्टर्स की टीम ने उन्हें बताया कि प्रथम दृष्ट्या मे कार्डियक अरेस्ट से इन तीनों गोडावण की मृत्यु हुई हैं फिर भी हमनें मामले की गहन जांच पड़ताल के लिये इसका विसरा व दिए जाने वाले फूड के सैम्पल आई.आर.वी.आई बरेली भेजे है। वहां से रिपोर्ट आना बाकी है। हमनें सुदासरी के कन्जर्वेटर एवं ब्रीडिंग सेन्टर में संरक्षण के और बेहतर इंतजाम किये है। वे खुद वहां तीन चार विजिट कर चुके है। उन्होंने इस संबंध में दिशा निर्देश भी दिये हैं।पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से जीआईबी के प्रजनन की स्थापना की गई थी जिससे बीते कई वर्षों में जीआईबी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और संरक्षण के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रशेखर/संदीप