सतनाः पंचायतों एवं नगरीय निकायों में पांच जून से चलेगा जल संरक्षण का अभियान
- कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षा
सतना, 30 मई (हि.स.)। राज्य शासन के निर्देशानुसार नमामि गंगे परियोजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में 5 जून से 16 जून तक जल स्त्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों तथा अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन का अभियान जनसहभागिता के माध्यम से चलेगा। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नगरीय निकाय और जनपद पंचायत तथा संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर अभियान के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा की।
इस मौके पर अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े, सीईओ जिला पंचायत संजना जैन, आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, कार्यपालन यंत्री आरईएस अश्वनी जायसवाल, उप संचालक कृषि मनोज कश्यप सहित जिला पंचायत के अधिकारी उपस्थित थे।
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में 5 जून से प्रारंभ होकर 16 जून तक की अवधि में चलने वाले अभियान की जानकारी देते हुये कलेक्टर ने कहा कि प्रदेशव्यापी स्तर पर नदियों, तालाबों एवं जल संरचनाओं के पुनर्जीवन एवं संरक्षण का विशेष अभियान चलाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के क्रियान्वयन के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अैर नगरीय क्षेत्रों में नगर निकाय संस्थायें नोडल होंगी। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में किये जाने वाले कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर एक जून तक प्रस्तुत करें। उन्होने कहा कि सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ब्लाक में कम से कम एक नदी पुनर्जीवन का कार्य लिया जाये और प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक जल संरचना का कार्य 5 जून को लोगों की सहभागिता के साथ प्रारंभ करें।
कलेक्टर ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 की आदर्श आचरण संहिता 6 जून को समाप्त होगी। तदानुसार एमसीसी के दायरे में कार्यक्रम किये जायें। उन्होने बताया कि जिला स्तर और अनुविभागीय स्तर के अधिकारी भी किसी एक कार्यक्रम में अवश्य शामिल होंगे। नगरीय निकायों में चल रहे अमृत 2 योजना के कार्यों में गति लाकर अभियान की अवधि में पूरे करने के प्रयास किये जायें। जल संरक्षण के कार्यों में जनभागीदारी और सहयोग को जोड़ें। सामग्री, श्रम, उपकरण आदि का जनसहयोग अधिकतम रुप से प्राप्त करें। सीईओ जिला पंचायत संजना जैन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण-संवर्धन के चल रहे कार्यों को गति प्रदान करें, ताकि यह कार्य मानसून से पहले इस अभियान की अवधि में पूर्ण कराये जा सकें। पुष्कर धरोहर, नदी पुनर्जीवन और जल स्रोतों का जीर्णोद्धार, साफ-सफाई अभियान के दौरान योजनाओं के अभिसरण और श्रमदान जन सहयोग से पूरे करें।
जिला और जनपद स्तर की समितियां गठित
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में 5 जून से 16 जून तक चलने वाले जल संरक्षण-संवर्धन के विशेष अभियान के सुचारु क्रियान्वयन के लिये जिला और जनपद स्तर पर निगरानी समितियां भी गठित की गई हैं। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति में सीईओ जिला पंचायत को समन्वयक बनाया गया है। कार्यपालन यंत्री आरईएस, पीएचई, जल संसाधन, उप संचालक कृषि, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन, परियोजना अधिकारी मनरेगा, जिला परियोजना अधिकारी डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाय सदस्य होंगे। जनपद स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में गठित समिति में सीईओ जनपद समन्वयक होंगे। जबकि एसडीओ जल संसाधन, पीएचई सहायक यंत्री मनरेगा, एपीओ मनरेगा, ब्लाक समन्वयक एसबीएम, एसआरएलएम ब्लाक समन्वयक डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाय समिति के सदस्य होंगे। विश्व पर्यावरण पर 5 जून को प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक कार्य प्रारंभ कराना अनिवार्य होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश