छतरपुर: केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने बरेठी में सौर ऊर्जा परियोजना की रखी आधारशिला
छतरपुर, 10 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने रविवार को छतरपुर जिले के सटई तहसील अंतर्गत ग्राम बरेठी में सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर वर्चुअली रूप से केंद्रीय विद्युत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह भी शामिल हुए। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला, राजनगर विधायक अरविंद पटेरिया, छतरपुर विधायक ललिता यादव, एडीएम नम: शिवाय अरजरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रभान सिंह गौतम सहित सी.शिवकुमार, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक एनटीपीसी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा की बरेठी सोलर पावर प्रोजेक्ट के स्थापित होने से लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा जिन ग्रामों में भारत की आजादी के बाद बिजली नहीं थी वहां 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बिजली पहुंची और बुंदेलखंड के विकास में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना, उजाला योजना, एलईडी योजना से गरीब की बिजली का बिल कम करना समाज जीवन में प्रधानमंत्री के कार्य को देश नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा बुंदेलखंड लगातार उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। छतरपुर जिले के लिए सौभाग्य की बात है कि खजुराहो से दिल्ली के लिए सर्वसुविधा युक्त वंदे भारत ट्रेन निकलेगी। जो बुंदेलखंड के क्षेत्र से होकर गुजरेगी।
उन्होंने कहा अमृत भारत आदर्श योजना में छतरपुर की हरपालपुर और छतरपुर रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है। छतरपुर स्टेशन परिसर में महाराजा छत्रसाल की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। केन्द्र सरकार द्वारा केन बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी गई है। जो शीघ्र शुरू होगी। इसके साथ ही छतरपुर मेडिकल कॉलेज का कार्य भी जारी है और जिला आकांक्षी जिले में शामिल है। उन्होंने कहा सभी बाधाओं को दूर करके सोलर पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया। आने वाले समय में सोलर एनर्जी का ऊर्जा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान को बढ़ाने की दिशा में हमारे छतरपुर जिले के योगदान रहेगा।
3 लाख से अधिक घरों में पहुंचेगी सस्ती बिजली
मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के बरेठी नवीकरणीय ऊर्जा पार्क स्थित 630 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना में 3200 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इस परियोजना के पूरा होने पर 3 लाख से अधिक घरों को पर्याप्त बिजली मिलेगी। इसे यूएमआरईपीपी मोड-8 के अधीन एमएनआरई नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। सतत बिजली उत्पादन की दिशा में बढ़ते इस कदम से यह परियोजना सालाना 12 लाख टन सीओ2 उत्सर्जन को कम करेगी, जिससे देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना के चालू होने से न केवल ग्रिड को हरित बिजली की आपूर्ति होगी, बल्कि लाभार्थियों के लिए सस्ती बिजली भी सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही क्षेत्र में परियोजना के निर्माण से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने में मदद मिलेगी।
ग्रामीणों ने तख्ती दिखाकर जताया विरोध
जिस समय ग्राम बरेठी में सौर ऊर्जा के इस प्लांट की आधारशिला रखी जा रही थी उसी समय गांव के 50 से अधिक ग्रामीणों ने हाथों में तख्ती लेकर इसका जबर्दस्त विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि एनटीपीसी ने उन्हें धोखा दिया है। एनटीपीसी के द्वारा अब तक न तो जमीन के बदले मुआवजे की पूरी राशि दी गई और न ही वचन के मुताबिक किसी युवा को नौकरी मिली। बालादीन कुशवाहा ने कहा कि जमीन का मुआवजा देने के ऐवज में रिश्वत की मांग की जाती है। हमारी जमीनें छीन ली गईं, अब काम शुरू हो रहा है लेकिन सरकार हमारा हक नहीं दे रही है। उधर इस मामले में एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि जब एनटीपीसी थर्मल प्लांट लगा रही थी तब कहा गया था कि 10 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा लेकिन अब सोलर प्लांट से किसी को रोजगार नहीं मिलने वाला। यह हमारे साथ एक धोखा है।
हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर/मुकेश