ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही मप्र सरकार : मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल

 


- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने प्रेस वार्ता में बताई दो वर्ष की उपलब्धियां

भोपाल, 19 दिसम्बर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों से मीडिया को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की है। मध्य प्रदेश में श्रमिकों के हित में भी अनेक उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

मंत्री पटेल ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि भारत की संसद ने विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (विकसित भारत- जी राम जी विधेयक, 2025) को पारित किया है। यह विधेयक मनरेगा में व्यापक वैधानिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जो ग्रामीण रोज़गार को विकसित भारत 2047 के दीर्घकालिक विजन के साथ संयोजित करेगा तथा जवाबदेही, बुनियादी ढांचे के परिणामों और आय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा। गांव के विकास के बिना प्रदेश और राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारा सौभाग्य है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में ग्राम विकास है। उनकी भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग का उत्तरदायित्व मिला है। हमारी सरकार ने विगत दो वर्षों में जो कार्य किए हैं उनकी जानकारी इस प्रकार है :-

विशेष उल्लेखनीय बिंदु

मंत्री पटेल ने कहा क‍ि तीनों स्तर की पंचायतों के कार्यालय भवनों हेतु स्वीकृतियां प्रदान कीं तथा उनकी डिजाइन में परिवर्तन भी किया ताकि भविष्य में उनके ऊपरी मंजिलों का भी निर्माण किया जा सके।

2472 अटल ग्राम सेवा सदनों (ग्राम पंचायत भवनों) के निर्माण हेतु 922.20 करोड़ की राशि स्वीकृत की।

106 अटल सुशासन भवनों (जनपद पंचायत भवनों) के निर्माण हेतु 557.08 करोड़ की राशि स्वीकृत की।

05 अटल जिला सुशासन भवनों (जिला पंचायत भवनों) के निर्माण हेतु 49.98 करोड़ की राशि स्वीकृत की।

मंत्री पटेल ने कहा क‍ि जीवनदायिनी माँ नर्मदा के परिक्रमा पथ को सुगम बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। इस हेतु आश्रय स्थलों के निर्माण हेतु 231 स्थल चिन्हित किए गए हैं। इन स्थलों पर प्रथम चरण में पौधारोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए 4.13 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। 19 स्थलों पर आश्रय स्थलों एवं यात्री प्रतिक्षालय के निर्माण हेतु 10.5 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इन आश्रय स्थलों का निर्माण पर्यटन विकास विभाग के माध्यम से प्रारंभ भी हो चुका है।

मंत्री पटेल ने कहा क‍ि नदियों एवं जलवायु का संरक्षण हम सभी की सामूहिक चिंता का विषय है। मैंने प्रदेश की 106 नदियों के उद्गम स्थलों तक की यात्रा की है। हमारी सरकार इन उद्गम स्थलों को संरक्षित एवं संवर्धित करने का प्रयास कर रही है। हमने 89 नदियों के उद्गम स्थलों पर पौधरोपण कार्य हेतु फेंसिंग के लिए 2.92 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की है। प्रदेश के पुराऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण भी हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। हमने तामिया एवं भीमबेटिका क्षेत्र के विकास हेतु मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम को 2 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की है।

मंत्री पटेल ने कहा क‍ि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान घाटों को सुव्यवस्थित करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है। इसके लिए दिसंबर, 2026 तक की समय सीमा भी तय की है। इस अवधि में सभी श्मशान घाटों को अतिक्रमण मुक्त करवाकर फेंसिंग उपरांत उनमें पौधरोपण करना तथा उन्हें मुख्य सड़क से एप्रोच रोड बनाकर जोड़ने का कार्य इस अवधि में किया जाएगा।

मंत्री पटेल ने कहा क‍ि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्रदेश ने उल्लेखनीय कार्य किया है इसके प्रथम चरण में 72975 किलोमीटर लंबाई की 18948 सड़कों का निर्माण किया गया द्वितीय चरण में 4891 किलोमीटर की 373 सड़कों का निर्माण हुआ तथा तीसरे चरण में 11886 किलोमीटर की 984 सड़कों का निर्माण किया गया। विगत दो वर्षों में इन तीनों चरणों में 913 किलोमीटर लंबाई की सड़क तथा 305 फूलों का निर्माण किया गया है।

आरसीपीएलडब्ल्यूईए अंतर्गत 18 अप्रैल 107 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण हुआ है।

प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत 1033 संपर्क विहीन बस्तियों हेतु 2218 किलोमीटर सड़क स्वीकृत की गई हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण हेतु 10602 बस हटे चिन्ह अंकित की गई है जिनके लिए 1849 किलोमीटर की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।

रोजगार गांरटी योजना :-

कार्यों के स्थल चयन हेतु वैज्ञानिक आधार पर करने हेतु सिप्री सॉफ्टवेयर विकसित

जल गंगा संवर्धन अभियान 2025 में SIPRI सॉफ्टवेयर से समस्त कार्यों (जैसे खेत तालाब, कूप रिचार्ज, अमृत सरोवर इत्यादि) के उपयुक्त स्थल का चयन

वर्ष 2025-26 में कुल स्वीकृत लेबर बजट (मानव दिवस) : 1500 लाख, कुल सृजित : 1404 लाख (94%)

वर्ष 2024-25 में कुल स्वीकृत लेबर बजट (मानव दिवस) : 2000 लाख, कुल सृजित : 1897 लाख (95%)

राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जनजाति परिवारों को रोजगार देने में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर

कैच द रेन अभियान (जल संचय, जन भागीदारी- अप्रैल 2024 से मई 2025) - देश में मध्यप्रदेश को चतुर्थ स्थान एवं खंडवा जिले को प्रथम पुरुस्कार प्राप्त

एक बगिया माँ के नाम परियोजना अंतर्गत रु 750 करोड़ की लागत से 31,142 कार्य लिए गए।

माँ नर्मदा परिक्रमा पथ पर चिन्हित आश्रय स्थल के में 138 परिसरों में पौधरोपण कार्य।

जल गंगा संवर्धन अभियान 2025 अंतर्गत, रु 3000 करोड़ के कार्य लिए गए

खेत तालाब - 86,360 लागत रु 2048 करोड़

कूप रिचार्ज - 1,05,203 लागत रु 263 करोड़

अमृत सरोवर - 536, लागत रु 138 करोड़

पूर्व वर्षों के प्रगतिरत 24,358 कार्यों की पूर्णता

जल गंगा संवर्धन अभियान 2024 अंतर्गत रु. 1368 करोड़ के 60,428 कार्य कराये गए।

राज्‍य ग्रामीण आजीविका मिशन

लखपति दीदी- डिजिटल आजीविका रजिस्टर के अनुसार एसएचजी के ऐसे सदस्य जिनके परिवार की मासिक आय ₹10,000 या उससे अधिक है, की श्रेणी में 11,27,037 परिवार पिछले 2 वर्षों में बने।

135 FPO का टर्नओवर ₹1,608 करोड़। (306 करोड़ रूपये की बढ़ोत्‍तरी)

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण

कुल 11.72 लाख लक्ष्‍य में से 11.46 लाख आवास स्‍वीकृत देश में प्रथम स्‍थान

पीएम-जनमन

लक्ष्‍य- 1.85 लाख

स्‍वीकृत- 1.84 लाख

पूर्ण- 1.29 लाख देश में प्रथम स्‍थान

स्‍वच्‍छ भारत मिशन

खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व हेतु 2,87,279 पारिवारिक व्यक्तिगत शौचालय (IHHL) एवं 1,417 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण।

16,056 ग्रामों (अब तक कुल 99.35%) ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधित (SWM) घोषित।

4,318 ग्रामों (अब तक कुल 99.46%) ग्राम तरल अपशिष्ट प्रबंधित (LWM) घोषित।

गोबरधन योजना अंतर्गत 73 बायो गैस सयंत्रों का निर्माण ।

नवाचार

सभी ग्राम पंचायतो में CSC ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के माध्यम से गैर वित्तीय आधार पर अटल ई-सेवा केन्द्रों का संचालन। 30 नवम्बर तक 1084 पंचायतों में अटल ई-सेवा केंद्र प्रारंभ हो चुके है।

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना 2025 प्रकाशित हो चुकी है। ग्रामों के चयन की गतिविधियां अंतिम चरण में है।

श्मशान घाटों का सुव्यवस्थित विकास 5वां राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से किया जाना एवं इस हेतु इस वित्तीय वर्ष की द्वितीय किश्त जारी।

23,011 ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने हेतु प्लानर सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।

विकेंद्रीकृत कौशल प्रशिक्षण - आदिवासी बाहुल्य /नक्सल प्रभावित जिलों में विशेषकर जनजाति समूहों की परंपरागत कला और ज्ञान को संरक्षित, प्रोत्साहित, और व्यवसायिक बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम प्रारंभ।

नवाचार -स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्‍हीलस सेवा

ODF के निरंतरता के लिए मोबाइल ऐप द्वारा ऑनलाइन बुकिंग सेवा जिसके अंतर्गत घरेलू एवं संस्थागत शौचालयों की आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों के माध्यम से साफ़-सफ़ाई

प्रशिक्षित स्वच्छता साथियों के द्वारा दो-पहिया वाहन के माध्यम से त्वरित साफ़-सफ़ाई

सम्मानजनक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु पूर्णत: व्यावसायिक मॉडल

वर्तमान में प्रगति-

37,499 ग्राम मैप

1,577 क्लस्टर निर्माण पूर्ण

1,484 स्वच्छता साथी का पोर्टल पर पंजीकरण पूर्ण

आगामी 03 वर्षों की कार्य योजना

नर्मदा परिक्रमा पथ पर चयनित स्‍थलों पर 20 से 25 कि.मी की पारस्‍परिक दूरी पर नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रध्‍दालुओं के लिये सर्वसुविधायुक्‍त आश्रय स्‍थल/यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण।

सभी पंचायत भवनों में अटल ई-सेवा केन्द्रों का संचालन सुनिश्चित किया जायेगा।

पंचायत सचिवो एवं अन्य विभागीय रिक्त पदों पर भर्ती सुनिश्चित की जाएगी।

प्रदेश के समस्त ग्रामीण क्षेत्र के श्मशान घाटों का सुव्यवस्थित विकास एवं निर्बाध पहुंच मार्ग सुनिश्चित किया जाना

अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतो के व्यवस्थित्त विकास हेतु मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनी विकास) नियमों का युक्तियुक्तकरण करते हुए व्यवस्थित विकास कराया जायेगा|

ग्रामीण क्षेत्रो में कॉलोनियो के रजिस्ट्रेशन एवं विकास इत्यादि की अनुमति केंद्रीकृत ऑनलाइन व्यवस्था तथा EWS हितग्राहियों संबंधी समस्त जानकारियों का पंचायत दर्पण पोर्टल पर प्रदर्शन|

पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से पंचायतो का वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करना|

पंचायत दर्पण पोर्टल को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के पोर्टल से इन्टीग्रेट कर अनिवार्य TDS कटोत्रा सुनिश्चित करना|

पंचायतो की सशक्त करने के दृष्टिकोण से तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां ऑनलाइन जारी किया जाना |

मानव संसाधन के बेहतर एवं प्रभावी प्रबंधन हेतु HRMS पोर्टल का प्रभावी उपयोग।

दोहरी संपर्कता हेतु प्रस्तावित मुख्यमंत्री सुगम संपर्कता परियोजना

अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों को राष्‍ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना,मुख्‍य जिला सड़क, अन्‍य जिला सड़क इत्‍यादि से जोड़ा जा चुका है।

कई स्‍थानों पर 02 ग्रामों/पंचायतों/मजरे-टोलों को एक-दूसरे से जोड़ने हेतु व संदीपनी विद्यालय तक संपर्कता की मांग, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणजनों से प्राप्‍त होती है।

दो गांव/पंचायत/मजरे-टोले को दोहरी संपर्कता उपलब्‍ध कराए जाने हेतु प्रदेश में मनरेगा अंतर्गत “मुख्‍यमंत्री सुगम सम्‍पर्कता परियोजना” लागू की जा रही है

प्रदेश में लगभग रु. 1000 करोड़ के कार्य लिए जा सकेंगे (3 करोड़ प्रति जनपद पंचायत)

कार्य स्थल चयन तथा DPR तैयार करने हेतु RIMS पोर्टल विकसित।

3300 ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही

एक बगिया माँ के नाम अंतर्गत लिए गए 30,000 से अधिक कार्यों को पूर्ण करना तथा कार्बन क्रेडिट से जोड़ना ।

किचिनशेड के निर्धारित राशि रू. 2.24 - 3.25 लाख में कुल 3000 किचिनशेड में मनरेगा कंवरजेंस से 10 लाख तक के उन्‍नत किचनशेड का निर्माण किया जाना प्रस्‍तावित है। माननीय मुख्‍यमंत्री जी से नामकरण हेतु अनुरोध है।

पीएम पोषण पोर्टल, निरीक्षण, ऑडिट, एएमएस, एमआईएस से संबंधित समस्‍त पोर्टल का एक डेशबोर्ड तैयार करना।

शतप्रतिशत लक्षित शालाओं में नवीन बर्तनों की उपलब्‍धता सुनिश्चित करना।

शाजापुर की तर्ज में आगामी वर्ष में प्रदेश के समस्‍त सांदीपनी शालाओं में एसएचजी के माध्‍यम से मेकेनाईज्‍ड किचिन शेड का प्रशिक्षण दिया जा कर किचिन शेड का संचालन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत