बालिका सुरक्षा के लिए समग्रता और समन्वय से होगा काम : संभागायुक्त
- संवेदनशील बालिकाओं के लिए इंदौर पुलिस द्वारा चलाया गया सृजन कार्यक्रम सराहनीयः संभागायुक्त
इन्दौर, 9 अक्टूबर (हि.स.)। इंदौर पुलिस ने संवेदनशील बालिकाओं की सुरक्षा, मार्गदर्शन और जागरूकता के लिए सृजन कार्यक्रम चलाया हुआ है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने बुधवार को पुलिस विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक लेकर इस दिशा में और परिणाम मूलक कार्य करने की योजना पर चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बालिका अपराध संबंधी रियल टाइम रिपोर्टिंग और अलर्ट के लिये मोबाइल-एप भी बनाया जाना चाहिये। बालिका सुरक्षा के लिये प्रमुख रूप से पुलिस के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग समग्रता और समन्वय के कार्य करें। बालिकाओं में निडरता और जागरूकता के प्रसार के लिये अधिक समेकित प्रयास करें।
बैठक में एडीशनल पुलिस कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव, डीसीपी हेडक्वॉर्टर जगदीश डाबर, महिला सुरक्षा शाखा की एडिशनल एसपी प्रियंका डोडवे, महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक संध्या व्यास सहित अन्य अधिकारीगण एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
बैठक में एडीशनल पुलिस कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अपराध नियंत्रण का सृजन कार्यक्रम इंदौर पुलिस द्वारा दिसंबर 2023 से संचालित हैं। इसके अंतर्गत शहर की चिन्हित बस्तियों का डोर-टू-डोर सर्वें कर 12 वर्ष से18 वर्ष आयु की बालिकाओं का समूह बनाया गया है। इनके साथ पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग अन्य शासकीय विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर बालिकाओं से संवाद स्थापित करते हैं। कार्यशाला एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं में सुरक्षा की भावना एवं आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य किया जाता है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि पुलिस के इस प्रयास में अब महिला एवं बाल विकास विभाग अपना इंफ्रास्ट्रक्चर का सहयोग भी देगा। बालिकाओं के प्रशिक्षण इत्यादि के लिए पुस्तिकाएं और अन्य तरह की सामग्री भी तैयार की जाएगी।
बैठक में नोडल अधिकारी प्रियंका ने बताया कि सृजन कार्यक्रम के तहत 12 से 18 वर्ष की बालिकाओं को सुरक्षा हेतु होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक करने एवं अपराधों को रोकने का कार्य किया जा रहा है। बालिकाओं का पुलिस से सीधा सम्पर्क स्थापित करना हमारा उद्देश्य है। ताकि मुसीबत के वक़्त सीधा पुलिस से संपर्क हो सके।
सृजन की एक कोर टीम गठित की गई है, जिसमें पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा प्रियंका डोडवें को नोडल अधिकारी बनाया गया है। महिला आरक्षकों को चिह्नित कर उन्हें पुलिस दीदी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इंदौर के समस्त थानों में ऊर्जा डेस्क संचालिका एवं बाल कल्याण अधिकारी को भी कोर टीम का सदस्य बनाया गया है।
डीसीपी पुलिस मुख्यालय जगदीश डाबर ने बैठक में बताया कि ऐसे क्षेत्र जहाँ पर बालिकाओं के प्रति ज़्यादा अपराध होते हैं उन्हें चिह्नित किया गया है। ऐसे हाट-स्पाट एरिया वाले थाना क्षेत्रों में सृजन बालिका समूह बनाए गए हैं। 12 से 18 वर्ष की बालिकाओं का डोर-टू-डोर सर्वें कर उनका डाटा एकत्रित किया गया है। ताकि समस्याओं को भी चिह्नित किया जा सके।
बैठक में तय किया गया कि आने वाले समय में चंदन नगर एवं आज़ाद नगर जैसे क्षेत्रों में भी डोर-टू-डोर सर्वें किया जाए। विद्यालयों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित बनाने के लिए SOP एवं गाइड लाइन तैयार की जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक संध्या व्यास ने बैठक में बताया कि विभाग द्वारा इन्हें उद्देश्यों के लिए सेफ़ सिटी कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बालिकाओं एवं महिलाओं को शहर में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है। ताकि वे सभी प्रकार की हिंसा के भय से मुक्त होकर सुरक्षित जीवन जी सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर