जनजातियों के अध्ययन, शोध एवं उत्थान में जुटी विटनरी यूनिवर्सिटी
जबलपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के एकमात्र पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय प्रदेश के जनजातिय संबंधित अध्ययन, शोध एवं उत्थान संबंधी कार्य में प्रयास शुरू करने जा रहा है। गौरतलब है की विश्वविद्यालय हाल ही में राजभवन मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार जनजातीय संबंधित शिक्षा एवं शोध हेतु जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र स्थापपित किया है। इसके साथ ही नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय ने जनजाति शोध एवं अनुशीलन केंद्र नई दिल्ली के साथ अनुबंध हस्ताक्षर किया है।
विश्वाविद्यालय ने जनजातीय के विषय पर पशुपालन एवं मत्स्य पालन संबंधी शोध हेतु प्रस्तािव शासन को प्रेषित किया है। हाल ही में राजीव गांधी प्रोघोगिकी विश्विविद्यालय भोपाल में जनजातीय विषय पर शोध एवं पाठयक्रम निर्माण हेतु दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें वीयू द्वारा निर्मित जनजातीय अध्ययन एवं विकास केन्द्र पर चर्चा हुई साथ ही जनजातियों में पशुपालन एवं मत्स्य पालन में छात्रों के अध्युयन हेतु करिकुलम जनजाति शोध एवं अनुशीलन केंद्र नई दिल्ली के साथ मिलकर तैयार करने हेतु चर्चा हुई। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया की विश्वविद्यालय के पासआउट जनजातीय छात्राओं को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
विश्वविद्यालय का उद्देश्य यह है कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के युवाओं को किस तरह से बढ़ावा दिया जा सके जिससे कि उनको पशुपालन मछली पालन आदि विधाओं को सिखाया जा सके उनके उपचार के बारे में जानकारी दी जा सके और साथ ही आदिवासियों में पशु चिकित्सा के क्षेत्र में जो पारंमपरिक ज्ञान है, जो उनकी धरोहर है उसका भी प्रलेखीकरण किया जा सके ।
हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक / राजू विश्वकर्मा