नगरीय विकास के प्रत्येक कार्य को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करें : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 


- मुख्यमंत्री ने की नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा, आगामी कार्य योजना संबंधी दिए निर्देश

भोपाल, 08 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा की नगरीय निकायों की जिम्मेदारी है कि वे अधोसंरचना विकास के प्रत्येक कार्य को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करें। केवल काम की संख्या नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता और स्थायित्व से अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने नगरीय विकास और ग्रामीण विकास विभाग को आपसी समन्वय से “अर्बन–रूरल क्लस्टर” की अवधारणा पर काम करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को खजुराहो स्थित कन्वेंशन सेंटर में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई व संजय दुबे सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

दो वर्षों की प्रमुख उपलब्धियाँ

बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 9.46 लाख आवास स्वीकृत, 8.77 लाख पूर्ण, दो वर्षों में 1.64 लाख पक्के घर तैयार, 2.65 लाख हितग्राहियों को ₹1,749.17 करोड़ DBT, 96,903 गृहप्रवेश और PMAY 2.0 में 50,143 नए आवास स्वीकृत हुए। अमृत मिशन 1.0 में 32 शहरों में ₹4,921 करोड़ से 204 जल-सीवर परियोजनाएँ पूर्ण, 5.06 लाख सीवरेज और 6.87 लाख नल कनेक्शन दिए गए। अमृत 2.0 में 413 शहरों में 321 कार्य पूर्ण, 732 जारी और सभी की रियल-टाइम मॉनिटरिंग ‘अमृत रेखा’ ऐप से हो रही है। स्वच्छ भारत मिशन में 110 में से 54 नगरीय निकायों में 21.50 लाख टन लीगेसी वेस्ट का निपटान, 14 निकायों को राष्ट्रीय सम्मान, इंदौर प्रथम और जबलपुर द्वितीय रहे, 202 स्टार रेटिंग, 24 Water Plus, 338 ODF++ और 64,000 सफाई मित्रों को योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ।

SASCI 2025–26 में मध्य प्रदेश ने 1306 करोड़ का देश का सबसे बड़ा दावा प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में राज्य को PRAISE और SPARK Award में प्रथम स्थान, दीनदयाल रसोई में 2.66 करोड़ भोजन वितरण, 117 आश्रय स्थलों में 2.44 लाख लोगों को आसरा, 4,111 हितग्राहियों को 54.8 करोड़ ऋण, 10,128 SHG निर्माण, 2.90 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को 1122.11 करोड़ ऋण और 5.55 लाख वेंडर्स को ₹32.35 करोड़ कैशबैक मिला।

NCAP में इंदौर व जबलपुर क्रमशः प्रथम और द्वितीय, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में 71.84 लाख पौधारोपण, CITIIS 2.0 में उज्जैन और जबलपुर चयनित तथा 31.35 करोड़ प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ। ई-गवर्नेंस में ‘गरुड़ पोर्टल’ से 413 निकायों के GIS बेस मैप, 305 में संपत्ति सर्वे पूरा होकर 147% राजस्व वृद्धि, ALPASS में 12,896 प्रकरण निपटान, ABPAS में 24,209 प्रकरण स्वीकृत, ऑनलाइन सेवाओं से ₹482 करोड़ राजस्व और CM हेल्पलाइन में 6.24 लाख में से 5.85 लाख शिकायतें (93.66%) निराकृत हुईं।

मिशन कर्मयोगी में 63,195 कर्मचारी पंजीकृत, 1.24 लाख ऑनलाइन कोर्स पूरे, 371 जनप्रतिनिधि व 4,236 अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त, AeBAS में 1.50 लाख कर्मचारी जोड़े गए तथा ‘गीता भवन योजना’ हेतु ₹100 करोड़ प्रावधान हुआ। गृह निर्माण मंडल ने 1954 भवन, 1296 भूखंड विकसित किए, 170.80 एकड़ भूमि आवंटित हुई, 6 रीडेंसिफिकेशन परियोजनाएँ पूर्ण हुईं, DigiLocker पर दस्तावेज उपलब्ध कराए गए और MPOnline से ₹531.10 करोड़ की संपत्तियाँ बेची गईं।

विभागीय नवाचार

आत्मनिर्भर निकाय कार्यक्रम में उच्च-दाब कनेक्शनों में डिमांड कम कर 6.4 करोड़ वार्षिक बचत, पावर फैक्टर सुधार से पेनल्टी बचाव, 275 अनावश्यक कनेक्शन हटाकर 60 लाख प्रतिमाह बचत और आगे 29 करोड़ अतिरिक्त बचत का लक्ष्य; फ्लीट मैनेजमेंट पोर्टल से वाहनों की ईंधन मॉनिटरिंग शुरू। अधोसंरचना सुधारों में 18 मीटर मास्टर प्लान सड़कों पर यूटिलिटी डक्ट अनिवार्य, 30% से अधिक रोड रेस्टोरेशन पर 5% अतिरिक्त परफॉर्मेंस गारंटी, ‘अर्बन क्वालिटी कंट्रोल सेल’ और मोबाइल टेस्टिंग लैब स्थापित, फ्लेक्सिबल ज़ोनिंग और डिजिटल लैंड यूज परिवर्तन लागू, 50 वर्ष आयु वाली सड़कों के निर्माण का प्रारंभ और BRSR को सभी कार्यों में लागू करने की तैयारी।

तीन वर्षों की कार्ययोजना

PMAY 2.0 में 6 लाख नए आवास स्वीकृति का लक्ष्य, ARH–AHP मॉडल को बढ़ावा और बड़े नगर निगमों में भूमि उपयोग हेतु विशेष रणनीति लागू होगी। अमृत 2.0 में 2025–27 के दौरान ₹1440 करोड़ की जल परियोजनाएँ, 9.99 लाख नल कनेक्शन, 7.90 लाख सीवर कनेक्शन, 420 जल संरचना जीर्णोद्धार, 389 पार्क विकास और SCADA से जल आपूर्ति की रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगी। पीएम स्वनिधि में 6,71,332 नए ऋण प्रकरण, 289 नए दीनदयाल रसोई केंद्र और 128 आश्रय स्थलों के संचालन-संधारण का प्रावधान होगा।

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में 8 बायो-CNG संयंत्र, 36 लाख मीट्रिक टन लीगेसी वेस्ट निपटान, 44 सेनेटरी लैंडफिल, 339 MRF/कम्पोस्ट यूनिट, 3 C&D प्लांट और 353 छोटे शहरों में 386 STP बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना के चरण-4 में ₹1586 करोड़ के कार्य पूरे होंगे, चरण-5 में ₹5000 करोड़ से मास्टर प्लान सड़कों का विकास, मार्च 2026 तक 472 ई-बसें संचालन में आएँगी, बस डिपो-चार्जिंग सुविधा विकसित होगी, नमामि गंगे के नए STP और शहरों में फ्लाईओवर-पार्किंग विस्तार होंगे।

संस्थागत सुधारों में एकीकृत नगरपालिका अधिनियम एक वर्ष में अधिसूचित होगा, सभी संवर्गों का पुनर्गठन अप्रैल 2026 तक, धारा 86 में नगरीय राजस्व सेवा गठित होगी, आत्मनिर्भर निकाय प्रोत्साहन हेतु ₹100 करोड़ और MPUDC में EV, IT, एसेट मैनेजमेंट व ग्रीन विभाग स्थापित होंगे।

MPUDC बिरसिंहपुर में 1750 करोड़ लागत वाला 250 MW फ्लोटिंग सोलर प्लांट PPP मॉडल से स्थापित करेगा। इंदौर मेट्रो का 6 किमी कॉरिडोर मई 2025 से और भोपाल मेट्रो का 7 किमी कॉरिडोर दिसंबर 2025 से चलेगा; पूरे रूट क्रमशः 2028 तक पूर्ण होंगे और LAP/TOD/VCF से दोनों शहरों में बड़ी राजस्व संभावनाएँ बनेंगी। T&CP विभाग 38 शहरों के GIS मास्टर प्लान तैयार करेगा, महानगर क्षेत्र कानून लागू करेगा, TDR पोर्टल विस्तार, TOD नीति लागू होगी और सिंहस्थ 2028 के लिए एकीकृत मास्टर प्लान आधारित विकास होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर