उज्जैनः सिहंस्थ 2028 के लिए महत्वपूर्ण कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के कार्य तेजी से जारी
उज्जैन, 4 अक्टूबर (हि.स.)। सिहंस्थ 2028 के लिए मां क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए महत्वपूर्ण कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना तथा शिप्रा नदी के निरंतर प्रवाहमान के लिए सेवरखेड़ी- सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के साथ कई कार्य धरातल पर उतारे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप जल संसाधन विभाग के कार्यों को गति प्रदान की जा रही है, जिसकी उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग मयंक सिंह ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि 919.94 करोड़ रुपये लागत की कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना के कार्य मौके पर प्रारंभ हो गए हैं। जिसमें ग्राम बमोरा और देवराखेड़ी में टनल बिछाने के लिए खुदाई और ग्राम जमालपुर में कट एंड कवर का कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना सिहंस्थ के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। सन 2052 तक के सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना में 40 क्यूमैक्स जल बहाव क्षमता का भूमिगत क्लोज डक्ट का निर्माण किया जा रहा हैं। जिससे जमालपुर के समीप कान्ह नदी पर बैराज निर्माण कर दूषित जल को टनल में भेजा जाएगा। जिससे कान्ह का दूषित जल क्षिप्रा में नहीं मिल सकेगा।
कार्यपालन यंत्री ने बताया कि परियोजना में कार्य एजेंसी वेंसर कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड द्वारा 100 मीटर लंबाई में एप्रोच चैनल का निर्माण किया जाएगा। जिसमें 30.15 किलोमीटर लंबाई में 18.5 कि.मी. कट एंड कवर तथा 12 कि.मी में टनल बनाई जाएगी। 4.50 मी के डी -आकार में भूमिगत बॉक्स एवं टनल निर्माण का कार्य किया जाएगा। परियोजना को 42 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। निर्माण उपरांत 15 वर्षों का संचालन एवं रखरखाव कार्य एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
सेवरखेड़ी - सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना
उन्होंने बताया कि क्षिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाएं रखने लिए सेवरखेड़ी- सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 614.53 करोड़ की विभाग को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई हैं। जिसकी कार्यएजेंसी निर्धारित कर जल्द मौके पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। परियोजना में सेवरखेड़ी में बैराज का निर्माण कर मानसून के समय बैराज से 51 मिली घन मीटर जल को लिफ्ट ( उद्वहन) कर सिलारखड़ी जलाशय में डाला जाएगा। जिसके लिए सिलारखेड़ी जलाशय का विस्तार भी किया जाएगा। परियोजन से ग्रीष्म ऋतु में भी क्षिप्रा नदी प्रवाहमान बनी रहेगी। परियोजना को पूर्ण करने के लिए 30 माह लक्ष्य निर्धारित किया गया।
कान्ह एवं क्षिप्रा नदी पर बनाए जाएंगे बैराज
मां क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए कान्ह नदी पर 5 और क्षिप्रा नदी पर 1 बैराज का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए कुल 36.6 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसमें 6.24 करोड़ की लागत से गोठड़ा स्टॉपडेम, 5.06 करोड़ की लागत से पिपलियाराघों क्र 2 बैराज, 6.35 करोड़ की लागत से रामवासा क्र 2 बैराज , 4.56 करोड़ की लागत से जमालपुरा स्टॉपडेम, 5.74 करोड़ की लागत से पंथपीपलई स्टॉपडैम तथा क्षिप्रा नदी पर 8.71 करोड़ की लागत से किठोदाराव बैराज का निर्माण किया जाएगा।
778.91 करोड़ की लागत से 29.21 किमी घाटों का निर्माण प्रस्तावित
सिंहस्थ के लिए 778.91 करोड़ की लागत से 29.21 किमी घाटों का निर्माण प्रस्तावित किया गया हैं। जिसमें शनि मंदिर से लेकर भूखीमाता तक श्रद्धालुओं के सुविधाजनक स्नान के लिए घाटों का निर्माण किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर