सुरक्षित भविष्य के लिए वृक्षारोपण ज़रूरीः उप मुख्यमंत्री शुक्ल

 


- वन विभाग, वन समिति और हार्टफुलनेस संस्थान के बीच हुआ एमओयू

- सतना वन मंडल की 617 हे. भूमि में होगा वन-आच्छादन

भोपाल, 20 फरवरी (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि सुरक्षित भविष्य के लिए वृक्षारोपण ज़रूरी है। पृथ्वी का असली शृंगार पेड़-पौधे हैं। आज आवश्यकता है कि संपूर्ण मानवजाति वन संरक्षण के कार्यों में आगे आए सहयोग करे। बदलते परिवेश में आगामी जलवायुवीय चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रकृति अनुरूप पौधों का रोपण कर वन संपदा का संवर्धन करना समय की मांग हैं।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल मंगलवार को वन भवन में एमयू कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल और हार्टफुलनेस संस्थान के संस्थापक पद्म भूषण कमलेश डी पटेल (दाजी) की उपस्थिति में मंगलवार को वन भवन में वन विभाग, वन समिति और हार्टफुलनेस संस्थान के बीच सतना वन मंडल की 617 हे. डिग्रेडेड भूमि में वन-आच्छादन के लिए एमओयू हुआ।

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि हार्टफ़ुलनेस संस्थान द्वारा कई ऐसी पहाड़ियाँ और भूमि जो बंजर हो गयीं थीं उन्हें फिर से हरा भरा करने में विशिष्टता हासिल है। संस्थान ने ऐसे कार्य पूर्व में किए जा चुके हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा इस एमओयू से वन विभाग के अधिकारियों, वन समितियों को भी अनुभव प्राप्त होगा और वनों के उत्कृष्ट प्रबंधन में सहायक होगा।

निम्नीकृत वन क्षेत्रों की पुर्नस्थापना के लिये संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से सी.एस.आर., सी. ई.आर. एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण योजना अन्तर्गत यह एमओयू किया गया हैं। विपिन कुमार पटेल, वनमण्डल अधिकारी, वनमण्डल सतना, गजेन्द्र सिंह क्षेत्रीय समन्वयक रामचन्द्र मिशन, हार्टफुलनेस इन्स्टीट्यूट और अध्यक्ष ग्राम वन समिति के बीच त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षरित किया गया। सतना जिले के तीन वन परिक्षेत्र में 9 ग्राम वन समितियों के माध्यम से हार्टफुलनेस संस्था द्वारा 13 स्थलों में 617 हे. वन भूमि में वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।

रीवा में वन विकास निगम को हस्तांतरित की गई भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य शीघ्रता से करें पूर्ण

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने रीवा वन मंडल में मध्यप्रदेश वन विकास निगम को वर्ष 2010 में हस्तांतरित की गई 9 हज़ार 464 हे. बंजर भूमि पर वृक्षारोपण कार्य की वृहद् समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि हस्तांतरित की गई भूमि पर पौधारोपण का शेष कार्य शीघ्रता से पूर्ण किया जाये। उप मुख्यमंत्री ने पौधरोपण की आगामी कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की।

अब तक 64 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है

उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि हस्तांतरित भूमि में से लगभग 4 हज़ार 500 हेक्टेयर में पौधरोपण का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं। वर्ष 2010 से अब तक लगभग 64 लाख पौधों का रोपण किया गया है। वर्ष 2024 में 367 हे. क्षेत्र में 9 लाख 18 हज़ार पौधों का रोपण किया जाएगा।

जहाँ वन है वहाँ जीवन है- पटेल (दाजी)

प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचन्द्र मिशन, हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट के संस्थापक कमलेश डी पटेल (दाजी) ने कहा कि जहाँ वन है वहाँ जीवन है। उन्होंने कहा कि स्थिर पौधारोपण के लिए उपयुक्त पौधों का चयन, रोपण की उचित तकनीकी और भू-जल प्रबंधन और संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने संस्था द्वारा प्रयोग में लाई जा रही प्रक्रियाओं से उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया और अनुभव साझा किए। श्री पटेल ने कहा कि उपयुक्त पौधों का चयन आर्थिक रूप से भी उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान और योग से लोगों की लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रही है। इसकी स्थापना श्रीरामचंद्र मिशन के नाम से वर्ष 1945 में हुई थी। इसका उद्देश्य शांति, खुशी और बेहतर स्वास्थ प्रदान करना है। संस्थान मध्य प्रदेश में बंजर वन भूमि को हरियाली से सुसज्जित करने का कार्य कर रही है। ओंकारेश्वर की पहाड़ी को व्यवस्थित करने, भोपाल में स्पोर्ट्स विलेज बनाने, डबरा की बंजर भूमि को भी विकसित करने का कार्य भी हार्टफुलनेस इन्स्टीट्यूट (श्री रामचन्द्र मिशन) द्वारा किया जा रहा है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, प्रबंध संचालक राज्य वन विकास निगम विवेक जैन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) यू के सुबुद्धि, संगीतकार समीर सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश