उज्जैनः भस्म आरती के नाम पर दिल्ली के तीन श्रद्धालुओं से ठगी

 


उज्जैन, 23 फरवरी (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दिल्ली के तीन श्रद्धालुओं के साथ भस्म आरती के नाम पर छह हजार रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि प्रोटोकाल के तहत उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष संभागायुक्त और उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. संजय गोयल के नाम से भस्म आरती की परमिशन ली गई और दिल्ली के तीन भक्तों से तय फीस से 10 गुना ज्यादा यानी छह हजार रुपये वसूले गए। मामला सामने आने के बाद उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार ने एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।

मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के श्रद्धालुओं से ठगी होने का मामला संज्ञान में आया है। दर्शनार्थियों ने स्थानीय व्यक्ति के माध्यम से प्रोटोकाल कोटे के तहत भस्म आरती की अनुमति प्राप्त की थी। यह अनुमति उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष के नाम पर हुई है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों ने जिन लोगों से भस्म आरती अनुमति के लिए संपर्क किया था, उन्होंने अन्य किसी व्यक्ति से संपर्क कर अनुमति बनवाई है। मंदिर प्रशासन मामले की पड़ताल के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहा है। इसलिए हमारा लक्ष्य अंतिम कड़ी तक पहुंचना है। शंका के आधार पर करीब आठ लोगों से पूछताछ जारी है। जल्द ही मामले का पटाक्षेप कर लिया जाएगा तथा दोषी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती अनुमति के लिए कोटा सिस्टम लागू है। मंदिर समिति ने विभिन्न विभागों के अधिकारी, सांसद, विधायक, अन्य राजनेता, विभिन्न राजनैतिक दल तथा मंदिर के पुजारी, पुरोहितों को कोटा आवंटित कर रखा है। इन लोगों की अनुशंसा पर किसी भी व्यक्ति को अनुमति जारी कर दी जाती है। मंदिर समिति इस व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं रख पा रही है। मंदिर के आसपास घूमने वाले दलाल के तार वीआइपी स्वीकृति दिलवाने वाले लोगों से जुड़े हैं। इससे यह लोग आसानी से अनुमति प्राप्त कर लेते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश