मप्र में श्रीअन्न के रकबे में तीन साल में हुई दोगुना वृद्धि
भोपाल, 25 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को कहा कि किसानों की परिश्रम से आज प्रदेश में श्रीअन्न का रकबा पिछले तीन साल में बढ़कर दोगुना हो गया है। मध्यप्रदेश में श्रीअन्न (मिलेट) के उत्पादन और उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये अभूतपूर्व प्रयास किये जा रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों और किसानों के परिश्रम से मिलेट्स के रकबे में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020-21 में जहाँ इसका रकबा 67 हजार हेक्टेयर था, वह वर्ष 2023-24 में बढ़कर 1.35 लाख हेक्टेयर रिकॉर्ड किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीअन्न उगाने वाले किसानों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में की गई पहल से वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी की अभिनव पहल से श्रीअन्न के उत्पादन के क्षेत्र में देश और प्रदेश को नई दिशा मिली है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कृषि क्षेत्र में की गई पहल के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आभार माना है।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रीअन्न उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये ऐतिहासिक फैसला लेते हुए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना को लागू करने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश में श्रीअन्न के विस्तार के लिये निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही मध्यप्रदेश राज्य मिलेट्स मिशन संचालित है। प्रदेश में “श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फॉर्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड’’ के नाम से मिलेट फेडरेशन का पंजीयन भी कराया गया है। प्रदेश में वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में व्यापक तौर पर मनाया गया। मिलेट्स के उत्पादन और उपयोग के प्रोत्साहन के लिये निरंतर कार्यक्रम किये जा रहे हैं।
प्रदेश में मिलेट फसलें जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, रागी आदि किसानों द्वारा उगाई जाती है। इनमें कोदो-कुटकी की खेती मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों जैसे मंडला, डिंडौरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, छिन्दवाड़ा आदि जिलों में की जाती है। रागी की खेती प्रदेश में डिण्डोरी, मण्डला, सिवनी और जबलपुर में व्यापक तौर पर की जाती है। प्रदेश के खरगौन, खण्डवा, बड़वानी, छिंदवाड़ा, बैतूल, राजगढ़ और गुना जिले में ज्वार की खेती होती है। प्रदेश में बाजरे की खेती मुख्य रूप से मालवा क्षेत्र में होती है। मिलेट्स की खेती मुख्यत: खरीफ ऋतु में की जाती है।
मिलेट्स के प्रोत्साहन के लिये वर्ष 2023-24 में मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन द्वारा बीज वितरण, कृषक प्रशिक्षण, कृषक अध्ययन भ्रमण, सेमिनार एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर फ़ूड फेस्टिवल, रोड-शो इत्यादि से मिलेट्स का प्रचार-प्रसार किया गया। इतना ही नहीं इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस एवं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में श्रीअन्न आधारित उत्पादों की शो-केसिंग की गई। भोपाल में हुए जी-20 (कृषि वर्किंग ग्रुप) सम्मेलन में श्रीअन्न आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिये मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के सहयोग से निगम के सभी होटल्स में मिलेट व्यंजन परोसे जा रहे हैं। सभी आउटलेट में मिलेट की ब्रॉण्डिंग भी की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर