तानसेन समारोहः पूर्वरंग में सजी संगीत सभा, राग–रंग और ताल–लय की अनूठी प्रस्तुतियों ने बाँधा समां

 


ग्वालियर, 12 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की संगीतधानी ग्वालियर में आयोजित होने जा रहे 101वें तानसेन संगीत समारोह के आमंत्रण स्वरूप पूर्वरंग संगीत सभाएं निरंतर सुर–सुगंध बिखेर रही हैं। शुक्रवार को महारुद्रमंडल ग्वालियर में पूर्वरंग संगीत सभा का आयोजन हुआ, जिसका शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण के साथ हुआ। कार्यक्रम का संयोजन जाह्नवी नाईक ने सुगठित शैली में किया।

पूर्वरंग सभा संजय आफले के एकल पखावज वादन से आरम्भ हुई। उन्होंने ताल चौताल में परन, प्रकार और विस्तार प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्राचीन लय–वैभव से रूबरू कराया। तत्पश्चात उन्होंने ताल झम्पा की मनभावन प्रस्तुति दी। उनके साथ हारमोनियम पर विवेक जैन की संगत ने वादन की गरिमा में वृद्धि की

राग अहीर भैरव की रस–धारा में भीगा वातावरण

सभा की दूसरी प्रस्तुति में महेश दत्त पाण्डये ने अपने मधुर गायन से सभी को मंत्रमुग्ध किया। सर्वप्रथम उन्होंने राग अहीर भैरव में विलम्बित ख्याल— “अबकी बैर उबारो” प्रस्तुत किया। इसके पश्चात मध्यलय ख्याल— “भई भोर प्यारे” गाकर राग की सम्पूर्णता को साकार किया। दोनों ही रचनाएँ पंडित कृष्णराव जी द्वारा रचित हैं, जिनकी भाव–गहनता पाण्डये के गायन में सहज रूप से अभिव्यक्त हुई। अंत में उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास रचित भजन— “तू दयालु दीन हो” प्रस्तुत कर सभा को भक्ति–रस में डुबो दिया। उनके साथ हारमोनियम पर संजय देवले और तबले पर विकास विपट ने उम्दा संगत दी।

सभा में विशिष्ट अतिथि के रूप में शेखर कराड़कर उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि विनोद सिंह और कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल साखला ने की। गंगा दास की शाला के महंत रामसेवक दास सहित अनेक संगीतज्ञों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया। यह गौरवपूर्ण आयोजन मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा, जिला प्रशासन, नगर निगम ग्वालियर और मध्य प्रदेश पर्यटन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत एवं कला अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद, भोपाल द्वारा संरक्षित यह समारोह भारतीय शास्त्रीय संगीत की परम्पराओं का उत्कृष्ट संगम है।

ग्वालियर जिले में 15 दिसम्बर को अतिरिक्त स्थानीय अवकाश

दरअसल, संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 से 19 दिसम्बर तक शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” का आयोजन हो रहा है। संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने समारोह में अधिक से अधिक संगीत रसिकों की भागीदारी के उद्देश्य से सोमवार, 15 दिसम्बर को अतिरिक्त स्थानीय अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश बैंक एवं कोषालयों के लिये लागू नहीं रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर