छतरपुर: पूर्व परीक्षा नियंत्रक ने पूर्व बीसी, पूर्व कुलसचिव को भेजा मानहानि का नोटिस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराया था निलंबित
छतरपुर, 26 जून (हि.स.)। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीके पटैरिया ने तत्कालीन कुलपति एवं कुलसचिव को मानहानि का नोटिस भेजा है। डॉ. पटैरिया का आरोप है कि उक्त दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्हें निलंबित कराया था। उच्च शिक्षा विभाग ने उन पर लगाए गए आरोपों से उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
डॉ. पुष्पेन्द्र पटैरिया ने बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी बसेडिय़ा के माध्यम से तत्कालीन कुलपति टीआर थापक एवं पूर्व कुलसचिव जेपी मिश्रा तथा मकरोनिया प्राचार्य जीएस रोहित को 10-10 लाख रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है। डॉ. पटैरिया का आरोप है कि उनके खिलाफ तत्कालीन कुलसचिव जेपी मिश्रा ने षडयंत्रपूर्वक कुटरचिव दस्तावेजों एवं भ्रामक जानकारी भेजकर अतिरिक्त संचालक की फर्जी रिपोर्ट लगवाई थी जिससे मप्र शासन ने डॉ. पटैरिया को निलंबित कर दिया था। डॉ. पटैरिया पर यह आरोप लगाए गए थे कि परीक्षा परिणाम में विलंब तथा परीक्षा में गड़बड़ी की गई है। डॉ. पटैरिया के विरूद्ध लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं हुए, परिणामस्वरूप उन्हें 30 अप्रैल 24 को निर्दोष साबित कर दिया गया। इतना ही नहीं 152 दिवस का चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत करते हुए राशि के भुगतान के आदेश दिए गए। मप्र शासन एवं उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी वेतन स्वीकृत नहीं की गई जिससे डॉ. पटैरिया को मानसिक, आर्थिक, सामाजिक प्रतिष्ठा की चोट पहुंची है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने 25 जून को नोटिस भेजकर 15 दिवस में सार्वजनिक माफी मांगने एवं समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित करने की चेतावनी दी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो तीनों को 10-10 लाख रुपये की मानहानि की कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सौरभ भटनागर/मुकेश