तीन टाइगरों के नामकरण के लिए नेशनल पार्क ने लोगों से मांगे नाम, नाम बताइए और पुरस्कार जीतिए

 


शिवपुरी, 30 जुलाई (हि.स.)। शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में करीब एक साल पहले ले गए तीन टाइगरों के नामकरण को लेकर नेशनल पार्क के अधिकारियों ने योजना बनाई है। इस योजना में तीन टाइगरों के अच्छे नाम बताने वाले लोगों को पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए लोगों को 15 अगस्त पर सम्मानित भी किया जाएगा। माधव नेशनल पार्क की उपसंचालक प्रतिभा अहिरवार ने इंटरनेशनल टाइगर डे के मौके पर बताया कि माधव नेशनल पार्क में एक साल पहले टाइगर पुर्न स्थापना का कार्य हो चुका है जिसमें तीन टाइगर विभिन्न स्थानों से लाए गए हैं। इन तीन टाइगरों ने अपने आपको को यहां के वातावरण में ढ़ाल लिया है। उन्होंने बताया कि इस प्रथम चरण पूरा हो चुका है। अब इन तीन टाइगरों को उचित नाम दिया जाना है इन तीन टाइगरों के उचित नाम देने वाले को के लिए नामांकरण की पहल शुरू की गई है जिसमें तीनों टाइगरों के लिए लोगों से नाम आमंत्रित किए गए हैं इसके लिए सात दिन तक अभियान चलेगा। नेशनल पार्क के अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न स्थानों पर जाएंगे लोगों से बात करेंगे लोगों से नाम आमंत्रित करेंगे जिसमें कोई भी व्यक्ति इन तीन टाइगरों के अच्छे नाम प्रस्तावित कर सकता है। चयनित तीन नाम को बताने वाले लोगों को 15 अगस्त पर सम्मानित किया जाएगा।

टाइगर पुर्न स्थापना का पहला चरण हुआ पूरा-

माधव नेशनल पार्क की उपसंचालक प्रतिभा अहिरवार ने बताया कि माधव नेशनल पार्क में टाइगर पुर्न स्थापना का एक साल पूरा हो गया है जिसमें दो मादा और एक नर टाइगर विचरण कर रहे हैं। पहले चरण पूरा हो जाने के बाद अब दूसरे चरण पर फोकस है, जिसमें इन टाइगरों के वंशवृद्धि पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि माधव नेशनल पार्क में पिछले कई सालों से टाइगर नहीं थे लेकिन एक साल पहले

टाइगर पुर्न स्थापना के बाद जहां तीन टाइगर लाए गए और उन्होंने यहां के वातावरण में अपने आप को अच्छी तरह से ढाल लिया है।

दो टाइगर और लाने की योजना-

माधव नेशनल पार्क में इस समय तीन टाइगर विचरण कर रहे हैं जिसमें दो मादा एक न टाइगर है। नेशनल पार्क उप संचालक प्रतिभा अहिरवार ने बताया कि आने वाले दौर में यहां पर दो और टाइगर लाने की योजनाएं पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि माधव नेशनल पार्क में टाइगर की वंशवृद्धि पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिससे यहां पर टाइगर की वंश वृद्धि हो सके और पर्यटकों के लिए खुले वातावरण में टाइगर दिख सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / रंजीत गुप्ता / राजू विश्वकर्मा