मुरैनाः हवन-पूजन व कन्याभोज के साथ हुआ शारदीय नवरात्रि का समापन
- मैया के जयकारों से 9 दिनों तक गुंजायमान रहा शहर
मुरैना, 23 अक्टूबर (हि.स.)। मां आदि शक्ति की आराधना के पर्व नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का सोमवार को हवन-पूजन और कन्याभोज के साथ समापन हो गया। नौ दिनों तक चले पर्व पर शहर व नगर में माता की भक्ति का उल्लास छाया रहा। नगर में कई स्थानों पर माता की घट स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक पूजन हवन व गरबों का दौर चलता रहा। महाष्टमी को भी शहर के पूजा पंडालों के साथ ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। भक्तों ने विधि विधान के साथ व्रत रखकर मां भगवती की आराधना की। चंदन, रोली, अक्षत, कुमकुम, हलवा, पूड़ी, मिष्ठान्न, मेवे का भोग लगाकर मां की आरती उतारी गई।
शारदीय नवरात्रि में मंदिरों और पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सोमवार को भी सुबह से ही दर्शन पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग गई। जयकारों से पूरा वातावरण देवीमय हो गया। विभिन्न प्रकार के फूल, फल, नैवेद्य और धूप दीप से मां की पूजा आरती की गई। देवीगीतों से पंडाल गूंजते रहे। पंडालों के बाहर मेले जैसा दृश्य रहा। अंतिम दिन भी माता भक्तों ने हवन, कन्याभोज, महाआरती जैसे धार्मिक आयोजन किए। अष्टमी-नवमी दोनों तिथियों के एक ही दिन होने से कुलदेवी की पूजन के साथ कई जगह श्रद्धालुओं ने माता को इसी दिन घट-विसर्जन के रूप में विदाई भी दी। महिलाएं सिर पर गेहूं के उगे हुए जवारे के घट, खप्पर लेकर कतार में चलती हुई दिखाई दीं।
वहीं, गरबा मंडलों और उत्सव समितियों द्वारा माता प्रतिमाओं का विसर्जन जुलूस सोमवार शाम को निकाला जायेगा और मंगलवार सुबह तक विसर्जन का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान कीर्तन मंडली भजन गाएंगी। गली व सडक़ों पर नवयुवक डीजे की धुनों पर नाचकर करतब दिखाते हुये देखे जाएंगे।
माता बसैया पर 9 दिनों तक लगा रहा मेला -
बसैया माता मंदिर पर 9 दिनों तक मेला लगा रहा। कई भक्तगण सुबह से ही नंगे पांव मैया के दरबार में पैदल-पैदल जाते देखे गये। इसी बीच जगह-जगह पैदल जाने वाले भक्तों के लिये पानी, सरबद, अन्नकूट, मिष्ठान, उबले हुये चने की व्यवस्था कर लोगों ने पुण्य लाभ भी लिया। जिससे पैदल जाने वाले मैया के भक्तों को कोई परेशानी न हो। वहीं मंदिर मेले में आसाजिक तत्वों द्वारा कोई उपद्रव न हो इसके लिये पुलिस व्यवस्था देखी गई।
कन्याभोज के लिये घर-घर बुलाने पहुंचे भक्तगण
भक्तगणों ने सुबह से ही मैया की पूजा कर अन्नकूट प्रसादी व कन्याभोज बनवाया गया। भक्तगण कन्याभोज के लिये घर-घर में कन्याओं को बुलाने पहुंचे। अगर कहीं कन्यायें सडक़ व गलियों से होकर कहीं निकल रही है तो मैया के भक्तगण उनसे मिन्नते करते देखे गये। मैया के भक्तगण कन्याओं को भोजन करने के लिये बार-बार निवेदन कर रहे हैं। कई जगह मैया के दरबार में कन्याओं को भोजन कराकर नो-स्वरूपों में मैया की चुनरी ओढ़ाई और भेंट के रूप में पैसे दिये तो कन्यायें खुश हो गई। यह देखकर मैया के भक्तगणों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र/मुकेश/उमेद