सिवनीः पेंच टाइगर रिजर्व में हाथी पुर्नयौवनीकरण कैम्प का आयोजन
सिवनी, 10 अगस्त (हि.स.)। पेंच टाइगर रिजर्व में हाथियों के लिये 09 अगस्त से 14 अगस्त 24 तक हाथी पुर्नयौवनीकरण (रेजुविनेशन) कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। 9 अगस्त को हाथियों के पुर्नयौवनीकरण (रेजुविनेशन) कैम्प का शुभारम्भ पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के क्षेत्रसंचालक देवाप्रसाद जे के द्वारा किया गया।
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के उप संचालक रजनीश कुमार सिंह (भा.व.से.) ने बताया कि वर्तमान में पेंच टाइगर रिजर्व में 10 विभागीय हाथी कार्यरत है, जिसमें 07 नर (जंगबहादुर, गणेश, जनरल करियप्पा, जनरल थिमैय्या, बाली, लव एवं मारूति) एवं 03 मादा (सरस्वती, शेरोन एवं दामिनी) हाथी है। इन हाथियों के द्वारा विशेष गश्ती, टाइगर मॉनिटरिंग, वन्यप्राणी अनुश्रवण, वन्यप्राणी ट्रांसलोकेशन तथा विशेषकर मानसून गश्ती की जाती है। हाथी सामाजिक प्राणी है, और वर्ष विभिन्न विभागीय कार्याे के कारण कई बार उन्हे अलग-अलग रहना पड़ता है।
पुर्नयौवनीकरण (रेजुविनेशन) कैम्प का आयोजन कर हम उन्हे एक साथ रहने और अपने सामाजिक संबंधों को मजबूत करने को मौका देते है। हाथियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी पुर्नयौवनीकरण (रेजुविनेशन) कैम्प का आयोजन होना अत्यंत आवश्यक है। सर्वप्रथम प्रतिदिन प्रातः चाराकटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहलाकर रेजुविनेशन कैम्प में लाया गया। तत्पश्चात हाथियों के पैर में नीम के तेल से तथा सिर में अरण्डी के तेल से मालिश की गई। इसके पश्चात मौसमी फल नारियल, केला, गन्ना, मक्का के पौधे फल सहित, सेब, पपीता एवं गुड़, रोटी इत्यादि का भरपेट भोजन कराया गया।
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा द्वारा हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा हाथियों के महावत एवं चाराकटरों को उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक निर्देश दिये गये। इस कैम्प के दौरान समस्त महावत एवं चाराकटर का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा। पुर्नयौवनीकरण (रेजुविनेशन) कैम्प के दौरान हाथियों के रक्त के नमूने जांच हेतु लिए जाते है, एवं हाथियों के नाखूनों की ट्रिमिंग के साथ- साथ हाथी दांत की आवश्यतानुसार कटाई की जाती है। हाथियों को कृमि नाशक, विटामिन, लीवर टॉनिक एवं अन्य दवा आवश्यकतानुसार खिलाई जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया / राजू विश्वकर्मा