सिवनी: किसानों को उचित दाम न मिलने पर 10 दिसंबर को कांग्रेस का आंदोलन
सिवनी, 06 दिसंबर(हि.स.)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। जिले के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजकुमार (पप्पू) खुराना ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश किसान खरीफ़ की फसलों, विशेषकर धान और मक्का, पर ही निर्भर रहते हैं, परंतु केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण किसान अपनी उपज औने–पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं।
श्री खुराना ने शनिवार को बताया कि मक्का, जिसे अधिक मात्रा में लंबे समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता, आज प्रदेश में 1200 से 1400 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रही है, जबकि सरकार ने इसका MSP 2400 रुपये/क्विंटल घोषित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा विदेशों से मक्का आयात की नीति ने स्थानीय किसानों की आय को भारी नुकसान पहुँचाया है।
उन्होंने कहा कि एक एकड़ मक्का की खेती में 20 से 25 हजार रुपये तक की लागत आती है, ऐसे में किसानों को वर्तमान कीमतों पर भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
कर्नाटक और तेलंगाना में जहाँ MSP के साथ 283 रुपये परिवहन सहायता भी दी जा रही है, वहीं मध्यप्रदेश में किसानों को उनके हक का मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।
खुराना ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की जगह आधी कर दी है।
उन्होंने याद दिलाया कि मूंग खरीदी के समय ज़हरीली मूंग बताकर बाधा डालने का मामला किसानों के दबाव में वापस लेना पड़ा था।
इसी तरह धान खरीदी पर भी केंद्र को पत्र लिखकर प्रक्रिया को जटिल बनाने का प्रयास किया गया था।
उन्होंने कहा कि सरकार न तो समय पर यूरिया और DAP उपलब्ध करा पा रही है, न ही खरीदी व्यवस्था को सरल बना रही है।
जहां नमक जैसी छोटी वस्तु भी छपे दाम पर मिलती है, वहां करोड़ों मेहनतकश किसानों की उपज बिना उचित मूल्य के क्यों खरीदी जाती है?, उन्होंने सवाल किया।
10 दिसंबर को धरना–प्रदर्शन का आह्वान
जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर 10 दिसंबर को दोपहर 12 बजे, कचहरी चौक सिवनी में आंदोलन का आयोजन किया गया है।
श्री खुराना ने जिले के सभी किसानों और नागरिकों से अपील की है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस आंदोलन में शामिल होकर किसानों की आवाज़ को बुलंद करें।
हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया