भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है स्व-सहायता समूहः मंत्री पटेल

 


- 847 स्व-सहायता समूहों को 30 करोड़ से अधिक की राशि वितरित

भोपाल, 2 अक्टूबर (हि.स.)। पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के मुख्य आतिथ्य में करेली में पुरानी गल्ला मंडी में जिला स्तरीय स्व-सहायता समूहों का बैंक लिंकेज कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अतिथियों ने 847 स्व-सहायता समूहों को 30 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया। इस दौरान बैंक लिंकेज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर जन-प्रतिनिधि, अधिकारी/कर्मचारी एवं स्व-सहायता समूह की महिलायें और अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

मंत्री पटेल ने कहा कि आज सौभाग्य का दिन है कि दो महापुरूषों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आव्हान है कि हमारी बहनें लखपति दीदी बनें। सरकार ने मातृ-शक्ति के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास किये हैं। प्रदेश में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बहना बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर मंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन किया।

मंत्री पटेल ने कहा कि माताएं- बहनें परिश्रम की मिसाल है। परिवार के संचालन में महिलाओं का विशेष योगदान रहता है। मंत्री पटेल ने बताया कि 5 अक्टूबर को वीरांगना रानी दुर्गावती की 501 वीं जयंती मनाई जा रही है। उनके शौर्य एवं बलिदान को स्मरण करने के लिए कैबिनेट बैठक का आयोजन दमोह ज़िले में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई की 300 जयंती है। लोकमाता अहिल्याबाई समता व न्याय की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने लोक-कल्याणकारी राज्य की मिसाल पेश की। इन महान नायिकाओं ने सिखाया है कि हमारी मातृशक्ति सामर्थ्यपूर्ण है।

मंत्री पटेल ने कहा कि महिलायें समूह से जुड़कर अपने हित में कार्य करें। आपके पास हुनर है। समूहों को पैसा व तकनीक देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किया। मंत्री पटेल ने कहा कि स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की ब्रांडिंग व्यापक स्तर पर हो। ब्रांडिंग से आपके उत्पादों को पहचान मिलेगी। बैंकों से लोन लेकर उन्हें चुकाने का काम स्व-सहायता समूह बखूबी कर रही हैं।

मंत्री पटेल ने कहा कि नारी शक्ति अभिनंदन की शुरूआत भी की जा रही है। माताओं व बहनों को सुरक्षा कवच दिया जा रहा है। वह न सिर्फ़ पूंजी जुटाने का कार्य कर रही हैं बल्कि समाज को सशक्त नेतृत्व देने का कार्य भी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलायें स्वावलम्बन की अनूठी मिसाल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर