कुबेरेश्वरधाम में रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण गुरुवार से, कुंभ की तर्ज पर किए गए इंतजाम

 






सीहोर, 6 मार्च (हि.स.)। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार, 7 मार्च से सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है। शहर के इंदौर-भोपाल मार्ग पर वाहनों के द्वारा हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। समय से पहले ही पूरा परिसर खचाखच भरा गया है। इस बार जिला प्रशासन, विठलेश सेवा समिति, समाजसेवियों और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रवासियों के सहयोग से कथा में शामिल होने वालों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां इस बार कुंभ की तर्ज पर इंतजाम किए गए हैं।

प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा सात से 13 मार्च तक आयोजित इस शिव महापुराण कथा को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पार्किग व्यवस्था और रूट डायवर्ट किया गया है। 1200 से अधिक पुलिस के जवान दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

कथा के एक दिन पहले बुधवार को विठलेश सेवा समिति की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हमारे क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण हम विश्व में प्रसिद्ध हो गए हैं। कुबेरेश्वरधाम पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने से रोजगार के कई अवसर मिले हैं और पूरा देश शिव मय हो गया है। हमारे क्षेत्रवासी यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। इसलिए हम सभी के सहयोग से इस तरह के भव्य आयोजन करते हुए आ रहे हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए इस बार शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में समितियों जिम्मेदारी सौंपी है। शहर में समिति के द्वारा चार स्थानों पर श्रद्धालुओं के निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। वहीं कुबेरेश्वरधाम पर आधुनिक रसोई घर का शुभारंभ हो चुका है। मात्र आधा घंटे के अंदर 70 हजार से अधिक लोगों के खाना बनाने वाली मशीने हैं, इसके अलावा एक हजार से अधिक सेवादारों को भोजन और पेयजल आदि की व्यवस्था के लिए तैनात किया गया है जो यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करेंगे।

श्रद्धालुओं के आने का जारी

शहर के सभी होटल, धर्मशालाओं और भवनों में भी श्रद्धालुओं के आने का जारी है। कथास्थल पर लगे डोम फुल हो चुके हैं, इसलिए श्रद्धालु गांव में ही अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपने घरों को होटल-धर्मशाला की तरह बना लिया है। जहां जगह खाली बची, वहां पार्किंग बनाई गई है। कथा का श्रवण करने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह है। आलम यह है कि सीहोर आने वाली सारी ट्रेन और बस फुल है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर रेंक के कई अधिकारियों को अलग-अलग जगह दिन-रात में तैनात किया गया है।

रुद्राक्ष का महत्व

पंडित मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष भगवान शिव का ही एक स्वरूप है. हम इसे चाहे औषधि में लें या पानी में चढ़ाकर आचमन करें या गले में पहन ले या हमारे पूजा स्थल पर रखकर पूजा कर लें. यह फल हमें ईश्वर के होने का महत्व बताता है. इसके धारण करने या पूजा करने से कोई हानि नहीं है, बल्कि भक्ति का मार्ग ही प्रशस्त होता है।

भगवान के अभिषेक के साथ होगा सात दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि गुरुवार से पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में रुद्राक्ष महोत्सव के सात दिवसीय कार्यक्रमों का श्रीगणेश किया जाएगा। इसमें सुबह रुद्राक्ष से बनाए गए शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा, इसके अलावा दोपहर में एक बजे से शाम चार बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव में एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश