धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र बोले- मप्र में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना बनी आस्था का सेतु

 


भोपाल, 23 दिसंबर (हि.स.)। मध्य देश सरकार के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने बीते दो वर्षों में आस्था, परंपरा और प्रशासनिक पारदर्शिता को नई दिशा दी है। इसी क्रम में पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में पत्रकारों से संवाद करते हुए विभाग की दो वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों को साझा किया।

मंत्री लोधी ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्‍य तीर्थ यात्रा कराने के साथ मंदिरों का जीर्णोद्धार करने तक सीमित नहीं है बल्कि सरकार की प्राथमिकता है कि वह धार्म‍िक विरासत को संरक्ष‍ित करते हुए श्रद्धालुओं और पुजारियों के जीवन स्तर में ठोस सुधार ला सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू किया है।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना बनी आस्था का सेतु

धर्मस्व मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रदेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी और जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक है। इस योजना के माध्यम से उन वरिष्ठ नागरिकों और श्रद्धालुओं को तीर्थ दर्शन का अवसर मिला है, जो आर्थिक या शारीरिक कारणों से यात्रा करने में असमर्थ थे।उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में योजना के अंतर्गत 20 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया, जिसके माध्यम से 16 हजार तीर्थयात्रियों ने देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन किए। वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 08 ट्रेनों का संचालन कर 6 हजार 400 श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया है।

मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने आधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वायुयान सेवा के माध्यम से तीर्थ दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई। इस सेवा के तहत 25 वायुयानों से 800 श्रद्धालुओं को तीर्थ यात्रा कराई गई। उन्होंने कहा कि यह योजना सामाजिक समरसता और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है।

मंदिरों के जीर्णोद्धार से संवर रही धार्मिक विरासत

धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर विभाग की उपलब्धियों का भी ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित शासन संधारित मंदिर न केवल आस्था के केंद्र हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी हैं।मंत्री ने बताया कि विगत दो वर्षों में 132 मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इस पहल के तहत प्राचीन मंदिरों की संरचना, सुरक्षा और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।

पुजारियों के कल्याण पर विशेष ध्यान

इसके साथ ही धर्मस्व मंत्री ने कहा कि मंदिरों की आत्मा वहां सेवा करने वाले पुजारी हैं। इसलिए सरकार ने उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने जानकारी दी कि शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के लिए लगभग 32 करोड़ रुपये का अनुदान आबंटित किया गया है। वहीं प्रदेश भर के देवालयों में कार्यरत पुजारियों के लिए उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें उन्हें प्रशासनिक प्रक्रियाओं, धार्मिक प्रबंधन और श्रद्धालुओं से संवाद के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी गई। मंत्री ने बताया कि पुजारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।

देवस्थानों का दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण

धर्मस्व मंत्री ने पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में स्थित शासन संधारित देवस्थानों का दस्तावेजीकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।अब इन अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता या विवाद की संभावना समाप्त हो सके। मंत्री ने कहा कि यह पहल धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण और सुव्यवस्थित प्रबंधन में मील का पत्थर साबित होगी।

नवाचार और संस्थागत सहयोग

मंत्री लोधी का इस दौरान कहना यह भी रहा कि विभाग ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नवाचार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) किया गया है। इस समझौते के तहत विरासत संरक्षण, रेट्रोफिटिंग, स्मारकों के पुनर्वास, मंदिर परिसरों के समग्र विकास और विभागीय सुविधाओं के लिए परामर्श सेवाएं ली जाएंगी। मंत्री ने बताया कि इससे मंदिरों और धार्मिक परिसरों का विकास वैज्ञानिक और आधुनिक दृष्टिकोण से किया जा सकेगा, साथ ही उनकी मूल पहचान और परंपरा भी संरक्षित रहेगी।

सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए धर्मस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक आस्था के सम्मान और संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में तीर्थ दर्शन योजना का और विस्तार किया जाएगा और अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही मंदिरों के जीर्णोद्धार, पुजारियों के कल्याण और धार्मिक संपत्तियों के डिजिटलीकरण को और गति दी जाएगी। उनका कहना है कि सरकार धार्मिक परंपराओं की रक्षा करते हुए उन्हें नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी