रतलाम: क्षय रोग के विरूद्ध लड़ाई में अब बीसीजी वैक्सीन भी विश्वसनीय है
रतलाम, 7 मार्च (हि.स.)। जिला क्षय अधिकारी डा. अभिषेक अरोरा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मुलन कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत अब 18 वर्ष से अधिक आयु के चिन्हित व्यक्तियों को बीसीजी का टीका लगाया जाएगा। वर्तमान में यह टीका शून्य से एक वर्ष तक की आयु के बच्चों को लगाया जा रहा था। यह वैक्सीन एक प्रभावी और सामान्यत: सुरक्षित वैक्सीन है जिससे वैक्सीनेशन करवाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अत:पात्र लोग अपना कोई भी एक परिचय पत्र दिखाकर नि:शुल्क टीका लगवा सकते है।
डा.अरोरा ने बताया कि जिला चिकित्सालय सहित जिले के सातों सामुदायिक विकास केंद्रों पर यह अभियान संचालित है जो तीन माह तक जिले भर में चलाया जाएगा। प्रति सोमवार व गुरूवार को यह टीके लगेंगे। आज 193 लोगों का टीकाकरण किया गया।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में 26 जिलों में यह अभियान संचालित हो रहा है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव में सर्वे किया जा रहा है। लाभार्थी के घरों को चिन्हित किया गया है। अभी तक दो लाख घरों तक यह अभियान पहुंच चुका है। लक्ष्य 6 लाख घरों तक पहुंचने का है।
भारत सरकार ने आधुनिक मशीनों द्वारा क्षय रोग को भगाने के लिए या मुक्त करने के लिए व्यापक अभियान संचालित हो रहा है। जिले में दस मशीनें स्थापित की गई है। 2017 से 2023 तक 21 हजार से अधिक क्षय रोगी तलाशे जा चुके है, जिनमें से 82 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके है। अब यह रोग संक्रमित नहीं है। मरीजों के ठीक होने के बाद इसका अन्य मरीज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और ना ही यह अब लाईलाज रहा है। हर स्तर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
आदिवासी इलाकों में मरीजों को साथ लाने वाले लोगों को 750 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है और जो क्षय रोगी है उनको छ: माह तक 500 रूपया दिया जाता है और ईलाज नि:शुल्क है। टीबी के रोगियों को जन सहयोग से पोषण टोकरी भी दी जाती है। अभी तक 1290 लोगों को यह टोकरी दी जा चुकी है इसमें शहर विधायक व मंत्री चेतन्य काश्यप का भी योगदान है।
डा.अरोरा ने यह स्पष्ट किया कि वर्तमान में गंभीर रुप से बीमार व्यक्तियों, गर्भवती माताओं, स्तनपान करवाने वाली माताओं का वर्तमान में उपचार चल रहा है। एचआईवी, केंसर पीडि़त लोगों ,दवाओं के प्रति एलर्जी रखने वाले लोग, प्रत्यारोपण रिसिवर आदि किसी भी स्थिति में बीसीजी का टीका नहीं लगाया जाएगा। डायबीटीज के मरीज तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सहमति पत्र भरकर टीका लगवा सकते है। विकासखंड मुख्यालयों पर आज 7 मार्च को वैक्सीनेशन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। जिला चिकित्सालय के फिविर क्लीनिक पर भी प्रात: जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में एडल्ट बीसीजी वैक्सीनेशन का शुभारंभ किया गया है।
पत्रकार वार्ता में सिविर सर्जन एम.एस.सागर, डा.वर्षा कुरील, सरला वर्मा, जयसिंह सिसौदिया , आशीष चौरसिया उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी/नेहा