मप्र विस चुनाव : राजनैतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा अगला सप्ताह
रतलाम, 9 नवंबर (हि.स.)। जिले में राजनैतिक गतिविधियों की दृष्टि से बीता सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहा। वरिष्ठ राजनेताओं ने सभा को संबोधित किया तथा अपने-अपने प्रत्याशियों को विजय बनाने के लिए कार्यकर्ताओं में जान फूंकी। भाजपा नेताओं ने कहा कि डबल इंजीन की सरकार से प्रदेश व देश का कैसे विकास होता है यह बीते वर्षों में हुए विकास कार्यों से प्रतीत होता है। इसलिए जरूरी है कि डबल इंजीन की सरकार पुन:: बने। वहीं कांग्रेस नेताओं ने कहा कि डबल इंजीन की सरकार होते हुए भी बेरोजगारी,महंगाई और भ्रष्टाचार पर भाजपा अंकुश नहीं लगा पाई। नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच में श्रोतागणों ने किस दल के प्रति अपनी क्या राय बनाई यह तो 17 नवंबर को मतपेटियों में बंद होने के बाद और 3 दिसंबर को मतगणना के दौरान ही ज्ञात हो पाएगा।
यह सप्ताह जोर आजमाईश का अंतिम होगा
इसी दृष्टि से बीता सप्ताह महत्वपूर्ण रहा। अगला सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होगा। 17 नवंबर को मतदान होगा। इसके पूर्व सभी उम्मीदवारों के पक्ष में राजनैतिक दलों का जोर अजमाईश अंतिम दौर में रहने वाला है। कांग्रेस और भाजपा राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के नेताओं की मांग कर रहे है ताकि चुनावी माहौल में गरमाहट आ सके जो त्यौहारी गरमाहट के दौरान दब सा गया है, लेकिन जानकारी के अनुसार अभी तक किसी बड़े नेता के दौरे की खबर नहीं है। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के दौरे की संभावना बताई जा रही है लेकिन अभी तक तारीख तय नहीं है। वे आ पाएगा या नहीं कहा नहीं जा सकता, क्योंकि कोई भी कांग्रेस नेता यह दावे के साथ कहने को तैयार नहीं है कि अमूक नेता की सभा होगी ही। यही स्थिति भाजपा खेमे की भी है।
स्थानीय नेताओं की सभाओं पर ही निर्भर रहना होगा
राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओं के अभाव में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की सभाओं का दौर अवश्य चल रहा है जिसमें भाजपा सरकार और विधायक के कार्यों को लेकर चर्चा हो रही है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि हमारी सरकार आएगी तो हम घोषित वचनों का पालन करेंगे। वहीं भाजपा की भी स्थानीय नेताओं की सभाओं का दौर बुधवार से शुरू हो गया है। भाजपा प्रत्याशी विधायक चेतन्य काश्यप ने सभा में अच्छी उपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के उन नेताओं की खबर ली जो यह आरोप लगा रहे थे कि हमारी सभाओं में भीड़ नहीं जुट पाएगी। अच्छी खासी भीड़ को देखते हुए भाजपा के नेता भी प्रसन्न थे और कार्यकर्ता भी उत्साहित। वरना लोगो को लग रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी की सभा में ही अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है और लोग कांग्रेस प्रत्याशी के चटखारे युक्त भाषण सुनने के लिए एकत्रित होते है। कांग्रेस प्रत्याशी की भाषण शैली पर भाजपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि केवल नारे लगाने और भाषण देने से काम नहीं चलता।
शहर को छोड़ जिले की चार सीटों पर कशमकस स्थिति
स्थानीय नेताओं की सभाओं पर ही अब दारोमदार टीका है। वरना लोगों को उम्मीद थी कि कई स्टार प्रचारकों को इस चुनाव में सुनने का मौका मिलेगा लेकिन रतलाम जैसी महत्वपूर्ण जिले में जहां पांचों सीटों पर कशमकश स्थिति बनती जा रही है। रतलाम को छोडक़र शेष चारों सीटों पर त्रिकोणात्मक संघर्ष है। निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस व भाजपा के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे है। दोनों ही पार्टियां अपने रूठे नेताओं को मना रही है या दूसरे चुनाव क्षेत्र में भेजकर डेमेज कंट्रोल का प्रयास कर रही है ताकि भीतरघात का जो खतरा बना हुआ है वह समाप्त हो सके।
भाजपा की ओर से गुजरात के कई विधायक चुनाव प्रभारी बनाए गए है जो कार्यकर्ताओं में समन्वय स्थापित करने के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे करकर पार्टी की ताजा स्थिति का आंकलन कर रहे है। पार्टी की बैठकों का दौर भी जारी है। महिला मौर्चा भी अलग से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुटा हुआ है। वहीं जनता युवा मोर्चा को विधानसभा क्षेत्रों के नवमतदाताओं को लुभाने के लिए सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए गए है ताकि भाजपा के पक्ष में उनका मतदान हो सके।
नवमतदाता ही निर्णायक होंगे
इस बार नवमतदाताओं का वोट ही निर्णायक हो सकता है क्योंकि बेरोजगारों की लम्बी फोज युवाओं की है। उन्हें रोजगार के अवसर सुलभ हो रहे है कि नहीं, क्या वे वर्तमान परिस्थितियों में शासन की रोजगार नीति से संतुष्ट है ,क्या वे राजनैतिक दलों के घोषित कार्यक्रमों से प्रसन्न है,क्या उन्हें उम्मीद है कि जो भी सरकार सत्ता में आएगी उनके हितों की रक्षा करेगी। ऐसे अनेक मुद्दें है जो युवा मतदाताओं के मानस में छाए हुए है। कोई भी नवमतदाता यह कहने की स्थिति में नहीं है कि वह किस उम्मीदवार अथवा दल को अपना मत देगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी