जबलपुरः लोक निर्माण मंत्री ने विजन डॉक्‍यूमेंटस को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक

 




जबलपुर, 9 सितंबर (हि.स.)। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के आवास कार्यालय में सोमवार शाम को पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विजन डक्यूमेंट पर बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं नगर निगम आयुक्त प्रीती यादव के साथ अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।

बैठक में पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की मुख्य समस्याओं, आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें बी.एस.एन.एल. की रानीताल स्थित जमीन का जनहित में उपयोग पर मंत्री सिंह ने निर्देश दिये कि कलेक्‍टर इस विषय को लेकर संबंधित को नोटिस जारी करे। उन्‍होंने कहा कि बी.एस.एन.एल. की रानीताल स्थित भूमि का आवंटन जबलपुर शहर को संचार सेवायें प्रदान करने के लिये किया गया था। आज भी इस भूमि का उद्देश्य जनहित ही है, जिसे किसी भी स्थिति‍ में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिये। यदि इस भूमि आवंटन का उद्देश्य पूरा हो गया है तो नियमानुसार इस भूमि का उपयोग जनहित में जबलपुर शहर की प्राथमिकताओं एवं स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर किया जाना चाहिये।

ग्वारीघाट मुक्तिधाम का जनसहयोग से निर्माण

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि ग्वारीघाट मुक्तिधाम जन आस्था से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थान है। शहर के नागरिक माँ नर्मदा के किनारे अपने परिजानों का अंतिम संस्कार करना चाहते है। यह मुक्तिधाम बहुत पुराना होने के कारण इसके कई भाग जीर्णशीर्ण अवस्था में है, जिसे सुंदर एवं भव्य रूप देने के लिये मरम्मत, सुधार एवं नवनिर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कलेक्टर एवं नगर निगम कमिश्‍नर की उपस्थिति‍ में निर्देशित किया कि प्राथमिक एस्टीमेट अनुसार ग्वारीघाट मुक्तिधाम के उन्नयन हेतु आवश्यक राशि 3.15 करोड़ रुपये की व्यवस्था जनसहयोग से की जाये। इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर सभी इच्छुक वर्गों के सहयोग एवं सहभागिता से उन्नयन कार्य कराया जाये। स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर के सहयोग से जल निकासी एवं सुव्यवस्थित विस्तार की योजना देश में शहरी योजना निर्माण के क्षेत्र में विशेषज्ञ संस्थान स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटक्चर, विजयवाड़ा के सहयोग से जबलपुर शहर के सीवेज एवं जलप्रदाय व्यवस्था की योजना तैयार की जाये। इसके लिए जबलपुर नगर निगम आयुक्त, स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटक्चर, विजयवाड़ा के साथ बैठक कर शहर के सुनियोजित विकास एवं अधोसंरचना विस्तार योजना तैयार करें। तत्पश्चात् सभी जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर योजना को अंतिम रूप दिया जाये।

संग्राम सागर तालाब का पर्यटन की दृष्टि से विकास

मंत्री सिंह ने कहा कि संग्राम सागर तालाब एक सुंदर एवं स्वच्छ सरोवर है, जिसमें पर्यटन की दृष्टि से विकास की अनेक संभवनाऐं मौजूद है। उन्‍होंने संग्राम सागर तालाब को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। साथ ही इस स्थल पर मौजूद केफेटेरिया को आउटर्सोस के माध्यम से संचालित करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश भी दिये।

विजन डॉक्‍यूमेंटस के अंतर्गत मंत्री सिंह ने कहा कि शहर में जितने भी झुग्‍गी बस्तियां है, उन्‍हें चिन्‍हांकित कर समुचित शिफ्टिंग का प्‍लान सुनिश्चित करें। मदन महल की पहाड़ी से भी अवैध कब्‍जाधारियों को हटाने की कार्यवाही की जाये। शिफ्टिंग की कार्ययोजना में सबसे पहले यह देखें कि कौन सी झुग्‍गी बस्‍ती को पहले शिफ्ट करें। उन्‍होंने कहा कि शिफ्टिंग के दौरान उन्‍हें क्‍या-क्‍या आवश्‍यक है इस बात का भी ध्‍यान रखा जाये।

मंत्री राकेश सिंह रीडेंसिफिकेशन व रीडेवेलपमेंट की संभावित योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि सेंट्रल जेल को शहर के बाहर शिफ्ट करने का प्‍लान किया जाये ताकि उस भूमि का उपयोग जन कल्‍याण व अन्‍य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा सके। साथ ही कहा कि आईटी पार्क के फेस टू में जो अड़चने आ रही है उस पर बैठक कर ठोस निर्णय लिया जायेगा। इसके साथ ही मंत्री सिंह ने शहर में स्‍वास्‍थ्‍य, पेयजल, सड़कों एवं परिवहन, अधोसंरचनाओं पर विस्‍तार से चर्चा कर आवश्‍यक निर्देश दिये।

उन्‍होंने कहा‍ कि सभी व्‍यक्तियों को पेयजल सुनिश्चित हो, सड़कों में जाम की स्थिति से निजात मिले इसके लिए बस स्‍टॉप और फुटपाथों के सौंदर्यकरण की कार्ययोजना तैयार करें। साथ ही संबंधित थाना प्रभारी को जिम्‍मेदारी दें। उन्होंने कहा कि नर्मदा तट के सौंदर्यीकरण, नर्मदा में दूषित नाले न मिले इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाये तथा नाला सुधार व साफ-सफाई पर विशेष ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।

बैठक में विजन डॉक्‍यूमेंटस को लेकर कई अन्‍य महत्‍वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। जिसमें कहा गया कि सरयू नदी की तर्ज पर नर्मदा घाटों का विकास हो, जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं उनकी समुचित निगरानी हो, सभी मार्गों का डामरीकरण तथा मुख्‍यमार्गों का चौड़ीकरण हो। इसके साथ-साथ मंदिरों के आस-पास सौंदर्यीकरण व मंदिरों के इतिहास का शिलालेख, सड़कों पर इंट्रिग्रेटिड ट्राफिक प्‍लान, शहर के प्रवेश द्वारों व प्रमुख चौराहों के सौंदर्यीकरण पर विशेष चर्चा की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर