मप्र विस चुनाव: भाजपा के शासन में सशक्त, समृद्ध बन रही हैं महिलाएं
प्रदेश रकार की नीतियों से आया सामाजिक बदलाव, बढ़ा लिंगानुपात
भोपाल, 28 अक्टूबर (हि.स.)। वर्ष 2003 से पहले मध्यप्रदेश में बेटियों, महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं थी। बेटियों के जन्म पर परिवारों में मातम छा जाता था। आर्थिक रूप से स्वाबलंबी और समृद्ध बनना महिलाओं के लिए किसी सपने की तरह था। लेकिन बीते 20 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो प्रयास किए, जो नीतियां बनाई और लागू की उनसे महिलाओं की स्थिति और उनके बारे में समाज की सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है। अब बेटियां अभिशाप नहीं, वरदान मानी जाती हैं और उनके जन्म पर भी बेटों के जन्म की तरह ही खुशियां मनाई जाने लगी हैं। इसके साथ ही महिलाएं भी सशक्त, समृद्ध और आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बन रही हैं।
सरकार की नीतियों से आया सामाजिक बदलाव
महिला अधिकार कार्यकर्ता सरला कदम का कहना है कि बीते 20 सालों में बेटियों, महिलाओं की स्थिति और उनके बारे में समाज की सोच में बहुत बड़ा बदलाव आया है। वो कहती हैं कि अभी एक-डेढ़ दशक पहले तक अधिकतर दंपत्ति गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण के लिए उत्सुक रहते थे और उनकी कोशिश होती थी कि अगर गर्भस्थ शिशु बेटी है, तो उसे गर्भ में ही समाप्त कर दिया जाए। सबसे खतरनाक बात यह थी कि समाज भी इसे गलत नहीं मानता था। इसके कारण प्रदेश में प्रति 1000 लड़कों पर जन्म लेने वाली लड़कियों की संख्या लगातार कम होती जा रही थी। लेकिन सरकार की नीतियों, प्रावधानों ने अब स्थिति को बदल दिया है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में जहां एक हजार बेटों पर 927 बेटियां जन्म ले रही थीं, वहीं 2020-21 में 1000 बेटों पर 956 बेटियों का जन्म हुआ है। सरला का कहना है कि इस बदलाव में सबसे अहम भूमिका प्रदेश सरकार की लाडली लक्ष्मी योजना की रही है। इस योजना ने बेटियों को लखपति तो बनाया ही है, उनके प्रति परिवार और समाज की सोच को भी बदल दिया है। इस योजना के अंतर्गत 46 लाख बेटियां लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं और लाडली लक्ष्मी-2 योजना उनकी आगे की पढ़ाई की रुकावटों को दूर कर रही है।
महिला उत्पीड़न और अपराधों के प्रति सख्त है सरकार
शिक्षाविद एवं राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता का कहना है कि महिला उत्पीड़न और उनके प्रति अपराधों को पूरी तरह से समाप्त करना सिर्फ सरकार के द्वारा नहीं किया जा सकता, इसमें समाज की सहभागिता जरूरी है। लेकिन पिछले सालों में सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनके कारण लड़कियों, महिलाओं में उत्पीड़न या अन्याय न सहने की प्रवृत्ति जागृत हुई है और अब पहले से अधिक संख्या में महिलाएं उनके साथ हो रहे अन्याय की शिकायत दर्ज कराने आगे आ रही हैं। डॉ. निवेदिता का कहना है कि महिला अपराधों के मामले में भाजपा सरकार का रवैया सख्ती वाला रहा है। मध्यप्रदेश दुष्कर्मियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार ने महिला अपराधों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की व्यवस्था की है। इसके अलावा महिला अपराधों में संलिप्त आरोपियों के अवैध निर्माण भी गिराए जा रहे हैं। इन सभी उपायों के चलते समाज में महिला अपराधों के प्रति जागरूकता आई है।
सशक्त, समृद्ध और स्वाबलंबी बन रही महिलाएं
बीते 20 सालों में मध्यप्रदेश में महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थति में बड़ा बदलाव आया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट श्रीमती रितु तिवारी का कहना है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं ने महिलाओं के लिए न सिर्फ आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले हैं, बल्कि प्रशासन और राजनीति में भी उनकी भागीदारी बढ़ी है, समाज में उन्हें सम्मान भी मिल रहा है तथा उनका जीवन पहले से आसान हुआ है। उज्जवला योजना के अंतर्गत जहां प्रदेश की 82.2 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन मिले हैं, वहीं 3.7 करोड़ महिलाओं के जन-धन खाते खुलवाये गए हैं। निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस तथा राज्य सरकार की अन्य भर्तियों में भी महिलाओं को आरक्षण मिल रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 53 लाख महिलाओं को 4.5 लाख स्व सहायता समूहों से जोड़ा है। साथ ही आर्थिक गतिविधियों के लिए इन समूहों को 5800 करोड़ से अधिक का क्रेडिट लिंकेज दिया गया है। श्रीमती तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना ने तो घरेलू महिलाओं को भी काफी हद तक आत्मनिर्भर बना दिया है। प्रदेश सरकार हर महीने उन्हें जो 1250 रुपये दे रही है, उससे उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।
जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही महिलाएं
महिलाओं की स्थिति में आ रहे बदलाव के बारे में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी क्षमा त्रिपाठी का कहना है कि भाजपा मातृशक्ति का सम्मान करती है और यही भाव महिलाओं से संबंधित प्रदेश सरकार की नीतियों में भी दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों का तानाबाना महिलाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए बुना गया है और इसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में महिलाएं राजनीति, खेल, कारोबार, प्रशासन आदि सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ केशव दुबे/मुकेश