जेल में निरूद्ध बंदियों को भी है गरिमामय जीवन जीने का अधिकारः दीपक शर्मा

 


- केन्द्रीय जेल ग्वालियर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर मनाया गया मानवाधिकार दिवस

ग्वालियर, 10 दिसंबर (हि.स.)। जेल में निरूद्ध बंदियों को भी गरिमामय जीवन जीने का अधिकार है। मानव अधिकारों में बंदियों के प्रति व्यवहार में उनकी जाति, संप्रदाय, लिंग, भाषा, धर्म या किसी देश या राष्ट्र की नागरिकता के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। बंदियों को सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों में सहभागीता करने का अधिकार है। साथ ही बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने, मुलाकात का अधिकार, मारपीट एवं प्रताड़ना के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार, व्यक्तिगत सुनवाई का अधिकार, धर्म पालन का अधिकार, उपचार का अधिकार प्रदान किया गया है।

यह विचार रविवार को प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पीसी गुप्ता के निर्देशन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव गालिब रसूल के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर केन्द्रीय कारागार ग्वालियर में सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय (Freedom, Equality and Justice for All) थीम पर आयोजित विधिक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा द्वारा व्यक्त किए गये।

कार्यक्रम में डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल प्रवीण कुमार मित्तल ने बताया कि बंदियों को न्यायालयीन प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण न्यायलयीन प्रक्रिया के दौरान कई प्रक्रमों पर अपने अधिकारों से वंचित हो जाते हैं। इसलिए अपने प्रकरणों के विचारण के दौरान न्यायालयीन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के संबंध में विस्तृत जानकारी होना जरूरी है। ताकि वास्तव में ऐसे बंदियों को सही न्याय मिल सकें।

कार्यक्रम में डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल गिर्राज सिंघल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाने का उद्देश्यऔर भूमिका पर प्रकाश डालते हुये कहा, कि जन्म के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मानव अधिकार उपलब्ध हो जाते है। हमारे भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों के रूप में मानव अधिकारों को सम्मिलित किया गया है।

कार्यक्रम में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल आदित्य सिंह ने निशुल्क विधिक सहायता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल प्रणाली ,बंदियों को मानव अधिकारों एवं उनके हनन विधिक जानकारी उपलब्ध कराई। इस अवसर पर वरिष्ठ जेल उपाधीक्षक अनिरुद्ध सिंह नरवरिया,चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल अरविन्द सिंह चौहान, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल ओम प्रकाश भार्गव, विधि छात्र अर्श पाण्डेय, शीतल भदौरिया सहित लगभग 350 बंदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक जेल अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन वरिष्ठ जेल उपाधीक्षक ममता नार्वे द्वारा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश