जबलपुर : प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का हुआ लोकार्पण

 




जबलपुर, 14 जुलाई (हि.स.)। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के मुख्‍य आतिथ्‍य में रविवार को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल महाविद्यालय का उद्घाटन हुआ। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश शासन की अध्यक्षता में प्रदेश के 55 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन समारोह अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर के प्रागंण में आयोजित किया गया। जिसका सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में किया गया। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता केंट विधायक अशोक रोहाणी ने की।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि कलेक्‍टर दीपक सक्सेना के साथ नगर निगम अध्‍यक्ष रिकुंज विज, अतिरिक्‍त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. संतोष जाटव, जनभागीदारी अध्यक्ष आशीष राव और संस्‍था प्राचार्य डॉ.ए.सी.तिवारी सहित महाविद्यालयीन परिवार की उपस्थिति रही।

मंत्री सिंह ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में महाकौशल महाविद्यालय के उद्घाटन समारोह में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज का दिन एक विशेष दिन है। उन्‍होंने इसी कॉलेज में पढ़ाई की है। कॉलेज से जुड़ी अपनी यादों को साझा करते हुए सिंह ने कहा कि शासकीय विज्ञान महाविद्यालय और महाकौशल आर्ट्स कॉलेज पहले रॉबर्टसन कॉलेज का हिस्सा था। व्यक्ति जिस संस्थान में अध्ययन करता है, वह संस्थान न तो उसकी स्मृति से कभी विस्मृत होता है और न ही उस संस्थान के प्रति उसकी श्रद्धा और सम्मान कभी कम होता है।

लोक निर्माण मंत्री ने महाकौशल कॉलेज का प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चयन करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आभार जताया। उन्‍होंने महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं स्टॉफ को भी बधाई दी और उम्‍मीद व्‍यक्‍त की कि आने वाले दिनों में यह संस्‍थान शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्‍ट पहचान बनायेगा। उन्‍होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि विद्या एवं ज्ञान सिर्फ व्यक्ति की ही नहीं अपितु सम्पूर्ण समाज की सफलता का आधार होता है। इसलिए ज्ञान का व्यवहारिक एवं भारतीय परंपरा के अनुरूप होना आवश्यक है। भारत ने सम्पूर्ण विश्व को ज्ञान दिया है। नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय में दुनिया भर के लाखों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे। कालांतर में हुई कुछ घटनाओं के कारण निर्मित हुए वातावरण से ऐसा लगा जैसे भारत से ज्ञान दुनिया में नहीं अपितु दुनिया से ज्ञान भारत में आया है। उन्‍होंने अपने उदबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्तमान समय की आवश्‍यकता है। यह विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास एवं रोजगार-स्वरोजगार तथा आत्म निर्भर बनने के क्षेत्र में सहयोगी होगी।

विधायक रोहाणी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आधुनिकता एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए यह महाविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक / मुकेश तोमर