ओबीसी उत्थान से अल्पसंख्यक कल्याण तक, कृष्णा गौर ने पेश किया अपनी सरकार के दो सालों का विकास खाका
भोपाल, 26 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार के दो वर्ष पूरे होने के बाद राज्य सरकार द्वारा मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कृष्णा गौर ने राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजनाओं को सामने रखा। इस दौरान उन्होंने आरक्षण व्यवस्था, ओबीसी समाज के अधिकारों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर अहम और स्पष्ट बयान दिया, जिसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खासा ध्यान खींचा है।
प्रेस वार्ता की शुरुआत में कृष्णा गौर ने बीते दो वर्षों में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके लिए शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और पारदर्शी प्रशासन पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य मंत्री ने कहा कि विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण हजारों जरूरतमंद परिवारों को सीधा लाभ मिला है।
राज्य मंत्री ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए हर स्तर पर काम किया गया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में छात्रवृत्ति योजनाओं को मजबूत किया है, जिससे बड़ी संख्या में ओबीसी छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, कौशल विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं। आज प्रदेश के कई बच्चों को विदेश पढ़ाई के लिए हमारा विभाग भेज रहा है। उन्होंने सर्वसुविधा युक्त 30 कन्या छात्रावासों के बारे में भी बताया। जिन्हें (50 सीटर) आदर्श छात्रावास के रूप में विकसित किया जा रहा है। उनका कहना था कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ सही पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
कृष्णा गौर ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल कागजी योजनाओं तक सीमित नहीं है, उनके जमीनी क्रियान्वयन पर लगातार नजर रखी जा रही है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है, जिससे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर नियंत्रण हो सके।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। इस पर राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के डिजिटाइजेशन का कार्य तेजी से किया गया है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से वक्फ संपत्तियों को लेकर भ्रम और विवाद की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब सरकार इसे स्पष्ट करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। उम्मीद पोर्टल के माध्यम से वक्फ की संपत्तियों का पूरा विवरण ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है।
कृष्णा गौर के अनुसार इस डिजिटाइजेशन प्रक्रिया को तीन स्तरों में बांटा गया है। पहले स्तर पर संपत्ति का डेटा दर्ज किया जाता है, दूसरे स्तर पर उसका सत्यापन होता है और तीसरे स्तर पर सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम स्वीकृति दी जाती है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद यह साफ हो जाएगा कि राज्य में वक्फ बोर्ड की कुल कितनी संपत्तियां हैं और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अवैध कब्जों व विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
राज्य मंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति, शिक्षा, आवास और स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। तकनीक के उपयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे। इसके साथ ही मंत्री गौर ने विमुक्त घुमन्तु, अर्ध घुमन्तु समुदायों के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उनके अनुसार राज्य में अनेक कार्य इनके लिए आज उनके विभाग के माध्यम से संचालित किए जा रहे हैं।
इसी दौरान मीडिया के सवालों के जवाब में कृष्णा गौर ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद जब भारतीय संविधान लागू हुआ, तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को जिस प्रकार संवैधानिक संरक्षण और आरक्षण का लाभ मिला, वैसा लाभ अन्य पिछड़ा वर्ग को तत्काल नहीं मिल सका। उनके अनुसार ओबीसी समाज को अपने अधिकारों के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के विजन 2047 को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। जिसकी प्रशंसा हाल ही में देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भी की गई। उन्होंने कहा भी कि मप्र जब कांग्रेस के हाथों में था तो बीमारु राज्यों में था, शिवराज जी के हाथों में आते ही वह टैग हटा और अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हाथों में विकास के लिए हर मोर्चे पर तेजी से काम करता दिख रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी