अनूपपुर: प्रदेश की योजनाओं का बखान, अनूपपुर के विकास पर मौन
अनूपपुर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित नर्मदा सभागार में शनिवार को विकास और सेवा के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार वार्ता औपचारिकताओं तक सिमटकर रह गई। वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री एवं अनूपपुर जिले के प्रभारी मंत्री दिलीप अहिरवार ने मंच से राज्य सरकार की योजनाओं, नीतिगत निर्णयों और प्रदेश स्तर की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला, किंतु जिले से जुड़ी ठोस विकासात्मक प्रगति, स्थानीय नवाचारों और जमीनी स्तर पर हुए कार्यों को लेकर कोई स्पष्ट व तथ्यपरक विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया।
जिले की उपलब्धियों पर चुप्पी
पत्रकार वार्ता का मूल उद्देश्य जिले के विकास कार्यों की समीक्षा, पिछले दो वर्षों की उपलब्धियों का लेखा-जोखा और जनहित से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देना था। परंतु अनूपपुर जिले में अधोसंरचना विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, लंबित योजनाओं की प्रगति या स्थानीय समस्याओं के समाधान जैसे अहम मुद्दों पर प्रभारी मंत्री द्वारा कोई ठोस आंकड़े, समयसीमा या कार्य-योजना साझा नहीं की गई।
प्रदेश की बातें, जिले की उपेक्षा
प्रभारी मंत्री ने वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किए जाने, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, निवेश प्रस्तावों, विभिन्न कल्याणकारी मिशनों, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, धार्मिक एवं सांस्कृतिक परियोजनाओं सहित अनेक विषयों पर जानकारी दी। हालांकि, यह जानकारी प्रदेश स्तर की रही और इसका अनूपपुर जिले से सीधा संबंध या स्थानीय प्रभाव स्पष्ट नहीं किया गया। इससे यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जिले के नागरिकों को अपने क्षेत्र में हुए वास्तविक विकास कार्यों की जानकारी आखिर कब और कैसे मिलेगी।
प्रश्नों के उत्तर से परहेज
पत्रकारों द्वारा जिले से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे विकास कार्यों की प्रगति, लंबित परियोजनाओं की स्थिति, स्थानीय बेरोजगारी, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़ी समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किए जाने के बावजूद प्रभारी मंत्री द्वारा स्पष्ट उत्तर नहीं दिए गए। न तो आंकड़ों के साथ उपलब्धियां बताई गईं और न ही भविष्य की किसी ठोस कार्ययोजना का उल्लेख किया गया। इससे पत्रकार वार्ता का उद्देश्य अधूरा ही रह गया।
पत्रकार वार्ता या पार्टी मंच?
इस पत्रकार वार्ता को लेकर एक और गंभीर सवाल खड़ा हुआ। सहायक जनसंपर्क अधिकारी कुसुम मरकाम द्वारा जनसंपर्क अनूपपुर के व्हाट्सएप ग्रुप में पत्रकारों को आमंत्रण भेजा गया था, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कार्यक्रम में शासन-प्रशासन और पत्रकारों के अलावा सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। परिणामस्वरूप, पत्रकार वार्ता का स्वरूप धीरे-धीरे एक पार्टी मंच जैसा बनता नजर आया, जिससे इसकी निष्पक्षता और उद्देश्य पर सवाल उठे।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न
कार्यक्रम में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम, सहायक जनसंपर्क अधिकारी कुसुम मरकाम, जिला पंचायत मीडिया अधिकारी अमित श्रीवास्तव, रजनीश त्रिपाठी (सुपर पीआरओं) सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारी सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार उपस्थित रहे। बावजूद इसके जिले के विकास को लेकर न तो कोई विस्तृत प्रस्तुति दी गई और न ही उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण सामने रखा गया।
जनता के सवाल, सरकार से अपेक्षाएं
कुल मिलाकर पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख तो हुआ, लेकिन अनूपपुर जिले के विकास को लेकर प्रभारी मंत्री द्वारा कोई ठोस, तथ्यपरक और जिले-केंद्रित जानकारी नहीं दी गई। इससे स्थानीय स्तर पर शासन और प्रशासन की जवाबदेही, पारदर्शिता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। अब आवश्यकता इस बात की है कि जिला प्रशासन और प्रभारी मंत्री अनूपपुर जिले में पिछले दो वर्षों में हुए विकास कार्यों का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक करें, लंबित योजनाओं की स्थिति स्पष्ट करें और भविष्य की ठोस कार्ययोजना जनता के सामने रखें, ताकि विकास और सेवा का दावा केवल शब्दों तक सीमित न रह जाए, बल्कि जमीनी हकीकत में भी दिखाई दे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला