संस्कार परिवर्तन करने के लिए सकारात्मक सोच आवश्यकः राजयोगी हरगोविंद
- ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस मे त्रिदिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम का शुभारंभ
- प्रतिदिन दस घंटे राजयोग के द्वारा व्यक्तित्व निखारने का होगा प्रशिक्षण
भोपाल, 5 जनवरी (हि.स.)। राजधानी भोपाल के होशंगाबाद रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवाकेन्द्र ब्लेसिंग हाउस में शुक्रवार को त्रिदिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। राजयोग साधकों के अंदर श्रेष्ठ संस्कार जागृत करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम मे माउंट आबू से पधारे राजयोगी हरगोविंद भाई ने संस्कार परिवर्तन की अनेक विधियां बताईं। उन्होंने कहा कि संस्कार परिवर्तन करने के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक है।
प्रातः 7 बजे से सायं 6 बजे तक आयोजित हुए योग सत्र: कार्यक्रम प्रातः 7 बजे ज्ञान मुरली क्लास के साथ आरंभ हुआ। ततपश्चात विभिन्न योग सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के दौरान अनेक विषयों पर प्रवचन एवं योग अनुभूति सत्र आयोजित हुए।
तीन तरह के तिलक से हुआ स्वागत: सत्र के सभी प्रशिक्षणार्थियों का तीन तरह के तिलक लगाकर स्वागत किया गया। ये तीन तरह के तिलक आत्मा, परमात्मा एवं सृष्टि चक्र की स्मृति के प्रतीक हैं।
प्रशिक्षण के दौरान गुलाब के फूल का उदाहरण से बताया गया कि जीवन मे हमे खुशबूदार फूल की तरह अच्छी बातों को ही अपने अंदर समाना है। व्यर्थ एवं नेगेटिव बातें जीवन में परेशानियां एवं उलझन उत्पन्न करती हैं। जीवन में हम प्रैक्टिस में जितनी भी सफलता प्राप्त करें, लेकिन वह प्रैक्टिकल में मान्य नहीं होती। हमें प्रैक्टिकल जीवन में विजय प्राप्त करनी होती है। प्रैक्टिस पेपर के अंक फाइनल परीक्षा मे नहीं जुडते, प्रैक्टिस मैच भले ही हम कितने भी जीत लें, लेकिन हमें फाइनल मैच में विजय प्राप्त करनी होती है। ठीक यही बात जीवन में लागू होती है।
ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस की प्रभारी बीके डॉ. रीना दीदी ने बताया कि नए वर्ष मे ब्रह्माकुमारीज ब्लेसिंग हाउस द्वारा मानव कल्याण के लिए जो कार्यक्रम बनाए गए हैं, उसी कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। राजयोग साधकों के अंदर श्रेष्ठ संस्कारों के माध्यम से उन्हें विश्व कल्याण हेतु तैयार करने के यह विशेष योग तपस्या कार्यक्रम आयोजित किया है। कार्यक्रम में कुमारी हेला ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम मे भोपाल के सैकड़ों भाई-बहनों ने योग की गहराइयों के माध्यम से संस्कार परिवर्तन की प्रेक्टिकल विधि सीखी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश