चंदेरी: ईशागढ़ के समीप 9.84 करोड रुपये का प्लांटेशन सिर्फ कागजों में खाना पूर्ति
चंदेरी/अशोकनगर, 20 मार्च (हि.स.)। प्रदेश राज्य वन विकास निगम द्वारा चंदेरी ईशागढ़ वन परिक्षेत्र में वर्ष 2020-21 में आरडीएफ योजना अंतर्गत राज्य वन विकास निगम द्वारा कुल 6 कक्षों में लगभग 9.84 करोड रुपये की लागत से पौधारोपण कार्य कराया गया था, लेकिन इस पौधारोपण कार्य में राज्य वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों ने मिलकर शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई। जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त होने पर आवेदक द्वारा पौधारोपण कार्य में पाई गई अनियमितता के संबंध में राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक, क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक, संभागीय महाप्रबंधक एवं उप संभागीय प्रबंधक को आवेदन प्रस्तुत कर जांच की मांग की थी, किंतु चार माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी एक कक्ष की जांच आज तक पूर्ण नहीं हो पाई है। जांच में हो रहे विलंब और जांच प्रभावित करने के प्रयास में वरिष्ठ अधिकारियों की कहीं ना कहीं संलिप्तता प्रतीत होती है, क्योंकि वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में ही इस जांच को प्रभावित करने तथा महज कागजों में खाना पूर्ति कर जांच को अमली जामा पहनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण के संरक्षण एवं उन्नयन के लिए जो पौधारोपण की राशि जारी की गई है उसका जिम्मेदारों द्वारा सदुपयोग नहीं किया गया है। इससे प्रकृति को पर्यावरण को तो क्षति हुई है साथ ही राज्य शासन शासन द्वारा पौधारोपण को जारी राशि में से लगभग 6 से 7 करोड रुपये की राशि का राज्य वन विकास निगम के अधिकारियों द्वारा बंदरबांट कर लिया गया है। जब तक 6 कक्षों में हुए पौधारोपण की गहन गंभीर जांच नहीं की जाएगी, तब तक मुख्य आरोपियों को पकड़ना व उन्हें सजा दिलाना संभव नहीं होगा। शिकायतकर्ता द्वारा यह मांग की गई है कि वन विकास निगम के प्रबंध संचालक को इस बारे में त्वरित कार्रवाही करना चाहिए तथा सभी 6 कक्षों की एक साथ जांच कार्यवाही किसी वरिष्ठ अधिकारी के मार्गदर्शन में संपन्न कराई जाना चाहिए, जिससे इस प्रकरण के दोषियों को सजा मिल सके और राज्य शासन द्वारा जारी की गई राशि जो बंदरवाट की गई है, उसके सभी जिम्मेदार लोगों का खुलासा होकर कार्रवाई की जाना सुनिश्चित व संभव हो सके।
इस मामले में जब राज्य वन विकास निगम के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक सुदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अभी ऑफिस पहुंच कर दिखवाता हूं कि क्या कारण है की जांच नहीं हो पाई है। मैं फिर से रिमाइंडर भेजता हूं और जांच कार्यवाही के बारे में आपको भी अवगत करवाता हूं, क्योंकि स्टाफ 40 फीसदी है इसलिए कई जगह की जांच चल रही है। प्रत्येक जगह की जांच आ रही है आपके द्वारा दिए गए आवेदन की मैं पुनः जांच करवाता हूं, साथ ही जो जांच आपके यहां की है वह जांच शीघ्र हमारे कार्यालय को प्राप्त हो जाएगी, जिससे आपको भी अवगत करा दिया जाएगा।
संभागीय राज्य वन बीज विकास निगम के प्रबंधक तरुण कौरव को करीब 20 बार फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
हिन्दुस्थान समाचार/निर्मल/मुकेश