जबलपुर: रानी दुर्गावती कालीन दो बावड़ी कायाकल्प के बाद हुई लोकार्पित

 




जबलपुर, 12 मार्च (हि.स.)। गढ़ा एवं उजार पुरवा बावड़ी के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प कार्य का लोकार्पण डॉ महेश शर्मा,लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कर उन्हे जनता को समर्पित किया। लोकार्पण के अवसर पर पद्मश्री डॉ महेश शर्मा ने कहा की मैं जल संरक्षण के क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ में कार्य करता हूं लोग दूर दूर से उस कार्य को देखने भी आते है पर अब मैं लोगों से कहूंगा कि जल संरक्षण की कार्य को देखना हो तो जबलपुर जरूर जाइए क्योंकि जल के महत्व को समझते हुए राकेश सिंह जी ने ऐतिहासिक और पुरातन बावड़ी जो गंदगी और कीचड़ से भरी रहती थी, उनके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाकर उन्हें जल मंदिर के रूप के स्थापित किया है।

डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि यह सबके लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि भारत में अनेकों बाबड़ियां, जलाशय और जल स्तोत्र होंगे जो ऐसे हाथों को तरस रहे हैं और वो तरस राकेश सिंह जी ने आगे बढ़कर पूरी की है। उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर आप सभी ने कार्य किया है। जबलपुर की ये दो बाबड़ियां पूरे भारत के अंदर जिनके मन में भी संवेदना है उनके हृदयों में एक दीपक जलाती है। हमें भगवान श्रीराम के जीवन से सीखना चाहिए की त्रेता युग में उन्होंने क्या किया था। जब उन्हें वनवास हुआ तो वे जंगल में निकल गए और ऐसा जंगल जो संदेहों का जंगल, शंका कुशंका का जंगल था और राम ने अपने कदम बढ़ा दिये।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब सांसद बना और जल के पुरातन स्त्रोतों को समाप्त होते देखा तब मेरे मन में आया कि जल संरक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए। मैंने इस दिशा में कार्य प्रारंभ किए। जिनमें 2009 में 20 दिनों तक जल रक्षा यात्रा की जो पूरे संसदीय क्षेत्र में चली थी लेकिन सिर्फ जल रक्षा यात्रा ही पर्याप्त नहीं थी इसके बाद भी हर वर्ष जल संरक्षण के लिए जनजागरण के कार्य सभी के साथ मिलकर मैं करता रहा। जिनमें तालाबों की सफाई, बरेला के पास गोमुख में गेबन बांध का निर्माण, संग्राम सागर को स्वच्छ करके पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य, जनजागरण हेतु गोष्ठी का आयोजन आदि कार्य किए। उसी दौरान ध्यान में आया कि हमारे जबलपुर में मां रानी दुर्गावती के काल की ऐतिहासिक बावड़ीयां हैं जिनमें गढ़ा क्षेत्र स्थित राधाकृष्ण बाबड़ी और बल्देवबाग स्थित उजार पुरवा बावड़ी को देखा तो लगा इनका पुनरुद्धार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बावड़ी की सफाई और जल संरक्षण के कार्यों को लेकर मैं जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी से मिला और उन्हें इन बावड़ी के कार्य के बारे में बताया तो उन्होंने ही मुझे कहा कि इनका नाम जल मंदिर रखना चाहिए और आज जबलपुर की दो बावड़ी जल मंदिर के रूप में आपको समर्पित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

इस अवसर पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक अशोक रोहाणी,डॉ अभिलाष पांडे एवं संतोष वरकड़े, भाजपा के प्रभात साहू, ग्रामीण रिकुंज विज,कमलेश अग्रवाल,पंकज दुबे,रत्नेश सोनकर,जीतू कटारे,आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ विलोक पाठक